*ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं*
By - कृष्ण बिहारी नूर
ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं, और क्या जुर्म है पता ही नहीं
इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं, मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं
ज़िंदगी मौत तेरी मंज़िल है, दूसरा कोई रास्ता ही नहीं
सच घटे या बढ़े तो सच न रहे, झूठ की कोई इंतिहा ही नहीं
ज़िंदगी अब बता कहाँ जाएँ, ज़हर बाज़ार में मिला ही नहीं
जिस के कारण फ़साद होते हैं, उस का कोई अता-पता ही नहीं
चाहे सोने के फ़्रेम में जड़ दो, आईना झूठ बोलता ही नहीं
अपनी रचनाओं में वो ज़िंदा है,'नूर' संसार से गया ही नहीं-
Writer of 15 books on Astrology & Vastu
Nature Photographer
Poe... read more
विश्वास करने वाले से ज्यादा मूर्ख विश्वास तोड़ने वाला होता है, क्योंकि वह अपने छोटे से स्वार्थ के लिए एक अच्छे इंसान को खो देता है।-
कतर दिए खुद ही पंख हमने अपने क़ातिल
जब हमारा उड़ना जमाने को रास नहीं आया
तुम्हें देख कर दुनिया में कोई खुश नहीं होता
जब तक कि वो तुम्हारा कोई अपना नहीं होता-
हमारा जाना
हमारे जाने की ख़बर क्यों मशहूर होगी
जब तक न उनको हमारी जरूरत होगी
दुनिया न रुकेगी किसी की हमारे बिना
उनके लिए तो ये बस एक न्यूज होगी-
एक और ईंट गिर गई मेरे मकान की
नादान कह रहे जन्मदिन मुबारक हो
चंद ही ईंटें बची है बचाने इस मकान को
न जाने कब ज़लज़ला गिरा के चला जाए-
मनुष्य का आधा सौंदर्य उसकी जुबान में होता है
इसलिए उसे सोच समझ कर इस्तेमाल किया करें-
मित्रता
नहीं चाहिए वो मित्रता जो कांच जैसी हो
मित्रता तो हीरे जैसी होती हैं
जिसे तराशना पड़ता हैं
बड़ी ही सावधानी से
तभी तो निखर कर सामने आती हैं
और संभालना पड़ता हैं जीवन भर
अनमोल ख़ज़ाने की तरह
सुप्रभात🙏🌹-
*2025 में दीपावली कब मनाए*
बंटेंगे तो मिटेंगे
धर्माचार्य, शंकराचार्य, कथावाचक, पंडित, पुरोहितों, ब्राह्मणों , ज्योतिषियों , पंचांग निर्माताओं को सनातन धर्म को बचाए रखने के लिए एक होना होगा। यही समय की मांग है।-
मेरे सभी चाहने वालों से हाथ ज़ोड कर निवेदन -
प्रति दिन गुड मॉर्निंग में भगवान की फोटोज न भेजा करे। जब मेमोरी फुल हो जाती हैं तो उन्हें डस्ट बिन में भेज कर डिलीट करना पड़ता हैं। इससे पुण्य कम और पाप ज़्यादा मिलता हैं, बाकि आप समझदार हैं। आप अपनी भावनाएं लिख कर या फूल भेज कर भी व्यक्त कर सकते हैं।🙏-