हर क्षेत्र शक्ति आजमाने लगीं बेटियां
वीर की शहादत पर कंधा देने
श्मशान तक भी जाने लगी बेटियां
एक सैनिक के कंधे से ऊंची जो हुई
लाहौर को भी बम से उड़ाने लगी बेटियां
~~Unknown-
ना हारे थे, ना हारेंगे
अपने स्वर्ग सी धरती को हम मिलकर संवारेंगे
ए बुजदिल नापाक दरिंदो, धर्म पूछ के मारा है तुने
हम धर्म बता के मारेंगे।।
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मेरी डायरी के आखिरी पन्ने खाली ही रहेंगे शायद,
सोचा था उनपे मिलन की दास्तान लिखूंगी-
तेरे चले जाने की दास्तान क्या कहें
हो गए हैं हम बेजुबान क्या कहें
सारी दुनिया को छोड़ बसाया था तेरे दिल में बसेरा
निकल के वहां से बता अब कहां रहें।।-
छोड़ दिया वो बात गई, छेड़ उसे अब करना क्या
तड़पी हूं जिसमें वो रात गई, उन रातों से अब डरना क्या-
कहते हैं लोग डर के आगे जीत है।
तुमसे बिछड़ना मेरा सबसे बड़ा डर था
फ़िर खो कर तुम्हे मैं हार क्यों गई ??-
I simply hugged her and cried, "please keep your kiss to yourself, it's not as precious as your presence in my life".
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वो हर रोज कोशिश करती रही रिश्ते संभालने की,
हर रोज तुम उसे खोते गए,
हर रोज उसने तुम्हे नए सिरे से अपनाना चाहा,
हर रोज तुम थोड़े और दूर जाते गए
वाह मर्द!!
आज हाथों में बोतलें लिए दुनिया को दिखाते हो खुश है वो तुम्हे तड़पता छोड़ के।।-