ज़िंदगी बेचैन पन्नो की कहानी है कुछ ज़ख़्म लाज़मी तो कुछ खुशियाँ बेगानी है.. दूर तलक जाने की ज़िद तो कभी पल भर में सिमट जाने की आज़माइश चार दिन की जवानी है बाकी तो सनम की यादों में कट जानी है..
Can you love me to the moonlight Can you love me to the dawn bright Can you love me to the Fake fight Can you love me beyond the Unloving goodbye sight!!!...