वो पराए में अपने देख रहा है,
शायद दिन में सपने देख रहा है।-
इशारे में होती मोहब्बत जहां,
लफ्जों का वहां काम नही होता।
गजलें तो होती महफ़िल में वहां,
मगर यार का नाम नही होता।-
मेरे साथ मुस्कुरा के तो देखो,
मौसम बदल सा जाएगा ।
अपने जख्म दिखा के तो देखो,
जख्म भर सा जाएगा ।
मेरे साथ चल के तो देखो,
सफर हसीन हो जाएगा ।
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हंसता रेहता सबके आगे,
पर घुट–घुट गम मै पी रहा।
मर चुका तो कबका मै,
बस दिखावे के लिए जी रहा।-
ना आई तुम्हारी याद,
और आज तुम भी ना आए,
यह प्रेम सफर की राहें,
जान ही ले जाए !-
बदलते मौसम की तरह लोग नियत बदल लेते है,
जैसे पेड़ सुख जाने पर परिंदे जगह बदल लेते है।-
Bin mausam barsaat pasand hai....
Taaro bhari woh raat pasand hai....
Aati hai jo khyaalon mein,
humein woh tumhari yaad pasand hai....-
Jiski duaa humesha mere sath rehti hai....
Mujhe kya darr jab "MAA" mere pass baithi hai....-
Baarish ka saylaab....
Sulagti si aag....
Jalte jazbaat....
Dhadakti si saans....
Aakhir kya hai baat???-