The Varshiv   (The VarShiv)
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Joined 12 March 2019


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Joined 12 March 2019
30 JUL AT 15:34

Humans Never Accept Broken Things
Because They Like To Break Them,
Not Talking About Only Edible Things
It's About a Human Heart Too !

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29 JUL AT 23:31

उसकी आंखों में इस कदर डूब गए हैं
की बिन नशा किए भी मदहोश हो गए है,
छुएं बिना हमारा ये हाल है
छू ले उसे, ये सोच कर ही हाल बेहाल है,
कोई तो रोको हमारे जज्बातों को
ये एहसास ए समंदर भी बड़ा कमाल है !

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26 JUL AT 19:59

If They Want POWER & MONEY !
Then Why are Billionaires Getting Divorced ?

If They Want Time !
Then Why Jobless Aren't Getting Married ?

If They Want Time & Money Both !
Then Why Middle Class Aren't Happy ?

This Is Why Or Maybe Because
A Happy Women Is A Myth !!

(Excluded Exceptions)

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22 JUN AT 19:10

"Conclusion"

Women Can't Believe That
They Can Get The Bestest Thing At The First Time.
Or
They Can't Trust On Their Own Choice,
Until They Don't Get Others Opinion.
(Excludes Exceptions)

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20 JUN AT 18:37

Responsibilities Are Not Meant To Bind You,
But Rather To Remind You That You Are Not Alone.

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15 JUN AT 23:43

"मुलाकात"

जैसे ही चूमा उसके माथे को
उसकी गर्दन ने जरा सी हरकत कर दी,
फिसल कर होठ जब उसके होठों पर आए
उसकी कमर ने मेरे हाथों की ख्वाहिश कर दी

फिसल कर हाथ जो उसकी कमर पर आए
उसकी सांसों ने मेरी सांसों से गुफ्तगू कर दी,
कुछ इस कदर गुफ्तगू होने लगी कि
धड़कन ने धड़कन और बढ़ाने की सिफारिश कर दी ।

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14 JUN AT 16:15

"Do Good & Forget"

If You Are Giving Time Care & Love To Someone
And Are Not Getting The Same In Return.
So You Either Stop Doing It or Don't Expect Any Return.
Instead Of Hurting Yourself.

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9 JUN AT 23:27

मर्द है साहिब, सुबह उठ कर कमाने जाना ही पड़ता है,
नहीं है वो सहूलियत हमारे पास, जो कह सके हम,
आज मूड नहीं है ।

मर्द है साहिब, जिम्मेदारियां निभानी ही पड़ेगी, चाहे हम काबिल है या नहीं
नहीं है वो सहूलियत हमारे पास, जो कह सके हम,
मैं क्यों करु ?

मर्द है साहिब, शाम को खाली हाथ नहीं लौट सकते हम, चाहे कुछ भी करना पड़े,
नहीं है वो सहूलियत हमारे पास, जो कह सके हम,
आज काम ही नहीं था ।

मर्द है साहिब, सबका पेट भरना ही पड़ेगा,
चाहे खुद भूखे ही क्यों ना रहो,
नहीं है वो सहूलियत हमारे पास, जो कह सके हम
मैं खा कर नहीं आया ।

मर्द है साहिब, अपना रोना दिखा नहीं सकते किसी को भी
चाहे कितने भी परेशान क्यों ना हो,
नहीं है वो सहूलियत हमारे पास, जो कह सके हम
थक गया हूं मैं ।

मर्द है साहिब, अपने ही घर में ज्यादा दिन नहीं बैठ सकते
चाहे कैसी भी हालत में क्यों ना हो,
नहीं है वो सहूलियत हमारे पास, जो कह सके हम
हमसे नहीं हो पाएगा ।

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8 JUN AT 0:55

"जी ले ज़रा"
क्यों सोचे तू इतना की आगे क्या होगा
तू ना सोचेगा वो तो तब भी होगा,
एक ही तो ज़िंदगी, किस किस को सफाई देगा
तू अकेला ही तो आया था, अकेला ही जाएगा,
रिश्तें तू जो बना रहा, उसे समय एक दिन मिटा ही देगा
जी ले तू हर लम्हे को, ये काल समय को ना रुकने देगा,
क्यों सोचे तू इतना की आगे क्या होगा....

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6 JUN AT 8:20

"Mentality"

When You'Re In Bad Times
You Always Will For Good Times,
But When You'Re In Good Times
You Always Discuss About Bad Times.
(Instead Of Enjoying)

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