The_unreadable_ writer   (दिव्यांशु गुप्ता 'दिव्य')
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Joined 8 April 2019


Joined 8 April 2019
21 MAR 2020 AT 18:24

तेरी याद आ जाए तो रातों सो नहीं पाता हूं
आंखें बन्द करूं तो बस तुझे मै वहीं पाता हूं
कितना भी भुलाने की कोशिश कर लूं मैं
ऐसा तोड़ा है तूने कि मै रो भी नहीं पाता हूं

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9 MAR 2020 AT 13:14

यारी थोड़ी - सी उन भाइयों से भी निभाते है
बंदूक ताने देश हेतु जो जान अपनी लगाते है
मना पा रहे है हम होली यहां पर शांति से
क्योंकि वो सरहद पर खून से होली मनाते है
#होली_की_हार्दिक_शुभकामनाएं

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9 MAR 2020 AT 13:13

यारी थोड़ी - सी उन भाइयों से भी निभाते है
बंदूक ताने देश हेतु जो जान अपनी लगाते है
मना पा रहे है हम होली यहां पर शांति से
क्योंकि वो सरहद पर खून से होली मनाते है
#होली_की_हार्दिक_शुभकामनाएं

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19 FEB 2020 AT 13:52

स्वराज की मांग से पूरे देश को हिलाया था

मुगलों को उसने छठी का दूध याद दिलाया था

तीर, तलवार, रणनीति सबमें थे जो निपुण

मराठों की शान वो वीर शिवाजी कहलाया था

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9 FEB 2020 AT 13:44

रोज डे पर दिया रोज उसने नहीं लिया
प्रपोज डे का जवाब भी कल नहीं दिया
आज जैसे ही हमने दिखाई चॉकलेट
देखते ही हाथ से उसने छुड़ा लिया

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8 FEB 2020 AT 18:17

#प्रपोज_डे_स्पेशल

तुझे रोज दिया था कल लिया नहीं तूने
अब आज के दिन प्रपोज कैसे करे
तेरे लिए मरने की कसम नहीं खा सकते
जीना तेरे साथ है तो आखिर कैसे मरे

माने या न माने तेरे ऊपर है ये सब
प्रपोज अपना काम है हम तो वही करे
तू तो प्रपोज कर नहीं सकती कभी
त्रेता की शूर्पणखा आखिर तू कैसे बने

डर के मारे बोले नहीं दोनों एक दूसरे से
फिर हम दोनों की बात आगे कैसे बढ़े
दिव्य साथ में नहीं बोले गर दिल की बात
दोस्ती से आगे नई सीढ़ी हम ऐसे चढ़े

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15 JAN 2020 AT 16:40

दिल की भावनाएं कोई समझ नहीं पाते
गुनाह ये भी है हम बोलकर नहीं बताते
ख़ामोश होने पर पूछते है क्या हुआ
बनके वजह फिर घाव पर मरहम लगाते

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10 NOV 2019 AT 10:59

याद आती है उस जमाने की जब रहते थे हम साथ में
रहते थे हम सब भाईयो के हाथ एक दूजे के हाथ में
कल भी लगा पुराना जमाना फिर से लौटा आया है
हिन्दू हो या हो मुस्लिम भाई साथ सबका पाया है

कहते थे लोग कि फैसले पर दंगा भी हो सकता है
आपसी मतभेदों से अब पंगा भी हो सकता है
लेकिन मिलकर सबने कल हिंदुस्तान दिखाया है
हिन्दू हो या हो मुस्लिम भाई साथ सबका पाया है

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9 NOV 2019 AT 18:32

फैसले का सम्मान कुछ इस तरह बढ़ाया है
हिन्दुस्तानियों की एकता को आज दिखाया है
जिनको पसंद न भी आया है आज का फैसला
उन्होंने भी मुंह बन्द करके साथ सबका निभाया है

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7 NOV 2019 AT 12:51

डाल दी है बेड़ियां गले में मेरे
खुद को इंसान कहते हो तुम
इंसानियत के नाम पर कलंक
जानवर भी नहीं हैवान हो तुम

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