बिचड़ा कुछ इस तरह से के रुत ही बदल गई
वो एक शक्स क्या गया दुनिया ही बदल गई-
कुछ मन्न करता है एहसास लिखने का।।।
इस प्लैनेट पर आगमन 2 फरवरी को... read more
देखो ना कितने प्यारे लोग है सारे
इस दुनिया को खूबसूरत बनाते है सारे
एक बात तो में भूल ही रहा हूं सुनो तो
अरे ये भी तो देखो मतलबी है सारे-
महीनों बाद में घर जा रहा हूं
में दुनियांबि मसले को अदा करके आ रहा हुं
तुझसे मिलना तो एक अब फलसफा सा रह गया हैं
क्या करू अभी भी तेरे ही नगमे गा रहा हूं-
चले भी आओ इस महफ़िल में मेहरबान बनकर
इंतजार तेरा इस दिल को हद से भी ज्यादा है-
कोन तुम्हारे पास से उठकर घर जाता है
तुम जिस को छू लेती हो वो मर जाता है
इसलिए सबसे ज्यादा दिलों को भाती हो
झूठों के सामने अपने सच से दिल जीत लाती हो
इसीलिए तुमको अपना बनाए बैठे हैं
यह झूठे नई नई साजिशें बिछाए बैठे हैं-
मेरा बनना चाहता है तो सुन फ़िर की दर्द में भी मुस्कुराता हूं में
दूसरो को खुशियां देकर अपने गमों को कुछ यूं छुपाता हूं में
इन परेशानियो से रूबरू होने की अब आदत हो गई है मेहर
खुशियां नहीं मिलती तो तकलीफो से रिश्ता निभा लेता हूं में-
एक बात बताओ सुना है तुम बहुत रोती हो मेरे बिना
अच्छा तो ये बताओ हैं भी क्या इस दुनियां में मेरे बिना
मेने तो पूरी कोशिश की थी खुद को तारी करने की
क्या करू अब तूने मुझे पाने की कोशिश नहीं की मेरे बिना-
تُو نور ع مہتاب ہی
طلوع ع آفتاب ہی
میرے دھڑکنوں کا رکس ہی
میرے روح کا رباؤ ہی
مہار (Mehar)۔
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दुश्मनों के सीनों पर चलता हूं अपनो के सीनों पर सोता हूं
रात कोई मिलती है उस अंधेरे से मिलकर कुछ रो लेता हूं
मुझे अब इन उजालों से थोड़ा नहीं पूरा भरोसा उठ गया मेहर
जिस आंख में घर करता हु फ़िर उसको नम नहीं होने देता हूं
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