Pehle jab koi romantic scene dekhte the...to lagta tha kitna achha lagta hoga...kitna pyaara lagta hoga...kitna special feel hota hoga k koi hai jo bas meri hai..jiske saath hum apne saare special moments share karenge...
Ab un sab scenes par...rona aata hai...aadhi zindagi beet gyi..Par kabhi koi...waisi ban nahi paayi...jise mere saath bhi wohi feel aati ho...
Sakth nahi hain na hum....
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Perfectly Average
Beautifully Unattractive
Seriously Funny
Lightly Dark
Conf... read more
हमको तुमसे मिलना है
तुम्हारा हाथ पकड़णा है
तुम्हारे सिर पे हाथ फेरना है
तुम्हारी आंखों में देखना है
जब तुम कुछ बोलो, तो तुम्हारे होठों को निहारना है
तुमको पकड़ कर road cross कराना है
तुमको अपने हाथ से खिलाना है
तुम्हारी मुस्कुराहट देख कर अन्दर ही अन्दर खुश होना है
तुमको हस्ते हुए देखना है
तुमको थोड़ा सा (एकदम ज़रा सा) गुस्सा दिलाना है
तुम्हारा आवाज़ सुनना है
तुमको कुछ यादगार देना है
वापस जाने से रोकने का कोशिश करना है..
पर बाद में कहना है "सुनो, घर पहुंच कर msg कर देना"
जब जाओगी तो तब तक देखना है जब तक आंखों से ओझल ना हो जाओ
उसके बाद बस.... खतम, bye bye, tata , goodbye, गया (:
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सुनो, कुछ पूछना था तुमसे...
ये बताओ..क्या तुमको अब भी रोज़ Good Morning मैसेज भेज सकते हैं?
जैसे पहले हर वक़्त "कैसी हो, क्या हो रहा है?" पूछते थे, क्या अब भी पूछ सकते हैं?
क्या तुमको हम call कर सकते हैं? 27 March 2019 के बाद से तुम्हारा आवाज़ नहीं सुने हैं... जब कोई situation imagine karte हैं तो पहले ही वाला आवाज़ याद कर लेते हैं। हमको पता है आवाज़ तो वैसी ही होगी पर .... you know what I mean...
उस दिन जब train पे छोड़ने गये थे, उसके बाद से तुमको देखे भी नहीं हैं...बस photos में देखे हैं। सामने सामने देख सकते हैं क्या? तुम...मिलोगी मेरे से? बहुत मन करता है तुमसे मिलने का, ढेर सारी बातें करने का ... वो अलग बात है कि तुम्हारे सामने मेरी आवाज़ निकलेगी नहीं, कांपते ही रह जायेंगे हम तो 😄
क्या तुम मेरे साथ वैसे ही रह सकती हो जैसे पहले थी? I know it's impossible..बस मन में आता है ये सब... (:-
हम तुमको इतना याद करेंगे, इतना याद करेंगे,
कि हिचकी नहीं, सीधे दिल का दौरा पड़ जायेगा ।
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Technically you aren't my ex. We weren't together.
But kuch to thi tum....
ex-almost 😢
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और भाई...मज़ा आ रहा है ना?
याद रखना ये तुम्हारा खुद का फैलाया हुआ रायता है!
वो बोली थी के वो commited है। फिर क्यूँ उससे प्यार करने लगे? दूर हो जाना चाहिये था उसी वक़्त।
तो नहीं, साथ बैठना है, whatsapp करना है, उसका इंतज़ार करना है...चूतिया ।
ऐसी भी क्या नायाब हसी थी के उसको देखने के लिये कुछ भी करने लगे? पागल।
अब झेलो पूरी ज़िंदगी. वो ठीक है के नहीं, उसको कोई दिक्कत तो नहीं होता होगा...अबे साले कुछ होगा भी तो तुम क्या कर लोगे? उसका पति देखेगा उसको। तुमको अगर पता भी चला के कुछ हुआ है, तो जा पाओगे? पता भी है कहां रहती है? बड़ा आशिक़ बन रहे हैं। कुछ नहीं होने वाला। आगे बढ़ो, किसी और को ढूंढो यार, क्या एक लड़की के लिये ज़िंदगी बर्बाद कर रहे हो। इतना वक़्त तो गुज़र गया। और ऐसा तो है नहीं के तुम दोनो साथ थे। साला एक तर्फा था, उसको खींच रहा है चुतियों की तरह। और अगर ऐसेही रहना है, तो बेहतर है के मर जाओ। बोझ बन के जीने का कोई फायदा नहीं। मर जाओ, सही रहेगा। ऐसे लोग चाहिये भी नहीं जो प्यार जैसी चीज़ के लिये माँ-बाप से लड़ रहे हैं के नहीं करना है शादी कभी भी। शादी की बुराइयाँ गिनाते रहते हो। साले एक बार वो "हां" बोल दे, दौड़ के शादी करोगे। तो ये सब तो समझाओ नहीं के शादी का मन नहीं है।
खैर, छोड़ो तुमको समझाना बेकार है। मरोगे ऐसे ही घुट-घुट के। जाओ मरो।-
ना मिलना भी इश्क़ है
किसी और की तरफ उस नज़र से ना देखना भी इश्क़ है
हरदम, वो पास होती तो ये होता, हम ये कहते, वो ऐसे करती, ये सोचना भी इश्क़ है
जो कुछ भी "गलत" करने का मन हो, पर खुद को बस उसके लिए रखना भी इश्क़ है
याद है उसकी वो मादक महक? उस महक को कभी ना भूला पाना भी इश्क़ है
अगर प्यार ना मिला तो क्या हुआ...ना मिल पाना भी इश्क़ है।
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तेरी आँखों की नमकीन मस्तियाँ
तेरी हंसी की बेपरवाह गुस्ताखियाँ
तेरी ज़ुल्फों की लहराती अंगड़ाइयां
नहीं भूलूंगा मैं...
जब तक है जान, जब तक है जान।
तेरा हाथ से हाथ छोड़ना
तेरा सायों का रुख मोड़ना
तेरा पलट के फिर न देखना
नहीं माफ़ करूंगा मैं...
जब तक है जान, जब तक है जान।
बारिशों में बेधड़क तेरे नाचने से
बात-बात पर बेवजह तेरे रूठने से
छोटी-छोटी तेरी बचकानी बदमाशियों से
मोहब्बत करूंगा मैं...
जब तक है जान, जब तक है जान।
तेरे झूठे कसमों-वादों से
तेरे जलते-सुलगते ख्वाबों से
तेरी बेरहम दुआओं से
नफ़रत करूँगा मैं...
जब तक है जान, जब तक है जान।-
कुछ खास नहीं में भी खास ढूंढ लिया,
'सिर्फ' मुस्कुराहट को एक एहसास मान लिया
कोई मासूमियत कहे या कहे बेवकूफी,
हमने पास नहीं को भी साथ मान लिया
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अब कुछ भी नया सा नही चाहिये
नये साल में, तुम्हारा पुराना वाला साथ चाहिये
कुछ तो है, जो ठीक करना है खुद में
मुझे सिर्फ खुश मैं, और गुस्से वाली तुम चाहिये-