सुबह हो गई ।रात को लिखने चले थे सुबह हो गई ।ख़ैर छोड़ो, आज फिर एक और रात उसके नाम हो गई । -
सुबह हो गई ।रात को लिखने चले थे सुबह हो गई ।ख़ैर छोड़ो, आज फिर एक और रात उसके नाम हो गई ।
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कुछ इस कदर सच छुपाया गया, खुली आखो से अंधेरा दिखाया गयाऔर तुम्हें इस बात का दुख ना होने का भी दुख हमारा हुआ ✍️ -
कुछ इस कदर सच छुपाया गया, खुली आखो से अंधेरा दिखाया गयाऔर तुम्हें इस बात का दुख ना होने का भी दुख हमारा हुआ ✍️
एक अरसे बादक्यों ना हम रहे ऐसेउस हादसे के बाद -
एक अरसे बादक्यों ना हम रहे ऐसेउस हादसे के बाद
घर में घर ढूँढ रहा हूँ , नदियों में समंदर ढूँढ रहा हूँ । -
घर में घर ढूँढ रहा हूँ , नदियों में समंदर ढूँढ रहा हूँ ।
ना खुल के हँसना हुआ, ना खुल के रोना,ना अपना घर हुआ, ना किसी के दिल का कोना,ना ख़ुद के रहे, ना किसी का होना 🖤 -
ना खुल के हँसना हुआ, ना खुल के रोना,ना अपना घर हुआ, ना किसी के दिल का कोना,ना ख़ुद के रहे, ना किसी का होना 🖤
ना रोका उसे, ना जाने दिया जो हो रहा था, हो जाने दियाइस दिल की कश्ती को, अनजान रस्तों पर जाने दिया । -
ना रोका उसे, ना जाने दिया जो हो रहा था, हो जाने दियाइस दिल की कश्ती को, अनजान रस्तों पर जाने दिया ।
बारिश में पानी पर अपनी कहानी लिखीना किसी को सुहानी लगी ना बेगानी लगी -
बारिश में पानी पर अपनी कहानी लिखीना किसी को सुहानी लगी ना बेगानी लगी
स्वाभिमान् को लगी ठेस सैयमता से जीती जाएगी । -
स्वाभिमान् को लगी ठेस सैयमता से जीती जाएगी ।
कंबख़्त,उसे भी बताना पड़ा बातो का ।तो क्या फ़ायदा इन बातो का । -
कंबख़्त,उसे भी बताना पड़ा बातो का ।तो क्या फ़ायदा इन बातो का ।
बेड़ियाँ तो यूँ ही बदनाम हैं,सारी मेहनत तो कच्ची डोर करती हैं -
बेड़ियाँ तो यूँ ही बदनाम हैं,सारी मेहनत तो कच्ची डोर करती हैं