तुम्हारे चहरे में वो नूर देखा है,
लगता है चाँद आज करीब से देखा है,
मानो यूँ की मैंने तुम्हें जैसे रमजान कर के देखा है,
लगता है मैंने महीने बाद आज ईद का चाँद देखा है..।-
हूँ तो सफर लेकिन दरिया बनकर बैठा हूँ।
गुजरा हूँ कतरा कतरा बनकर
लेकिन इस समंदर में मानो कोई ना उतरा..।-
हुनर की बात मत कीजिए
हम समन्दर है हमें पता है अपनी गहराई का...।।-
मुदतो के लिए छोड़ देते है जिन्हें ऐतबार होता है,
इंतजार वो करते है जिन्हें प्यार होता है,
अगर होता इश्क तो तुम्हें बताते कि
छोड़ने का अंजाम क्या होता है।-
क्यूँ रोज दिल की बोली लगाते हो जनाब,
एक दिन इन चेहरों के कर्जदार हो जाओगे।-
खूबसूरत चीजों को बड़ा गुमान होता है।
पर चीजें तो इस्तेमाल के लिए बनी होती है।
😄-
काल में महाकाल भी तपस्या करने बैठे है,
और यहाँ पार्वती प्रिय इंतजार में बैठी है।-
तू काली है तो मैं काल हूँ,
कण कण में बस्ता महाकाल हूँ,
तू तपस्या है तो मैं इंतजार हूँ ,
तेरे हृदय में धड़कता हर पल विद्यमान हूँ,
मैं निरंकार हूँ तो तू मेरा आकार है,
हमारा प्रेम स्वयं एक चिरकाल है।
पार्वती प्रिय में तुम्हारा ही संसार हूँ।
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मुकम्मल तो फिलहाल के बाजों हो गए ध्यान ही नहीं दिया,
वरना जिन्दगी तो कब से शुकुन देने बैठी थी-