फक्र सा होता है जब उसकी बात आती है,
खुशी मिलती है कहते हुए “वह मेरा साथी है”
दुनिया से बेपरवाह मेरा हाथ थामे चलता है,
खुद से कई ज्यादा वह मेरी परवाह करता है
हर पल खुशी का,उसके साथ खास हर दिन है,
मेरे रास्तों की बस वही एक मंजिल है, प्यार...
जिंदगी उसकी है पर खुशी मुझे हो रही है, क्यों?
क्योंकि, यार के रूप में मुझे जन्नत जो मिल गई है हमसफर ,मार्गदर्शक, प्रियतम... क्या नाम दूं उसे,
मेरी कलम भी नाकाबिल है,उसके गुण बताने में
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