The Immature Writer   (Umar mohammad)
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रुख मोड़ ले हवाएं जिसे देख के ,
खड़ा है वो एक तिनके के सहारे ।
Joined 9 December 2018


रुख मोड़ ले हवाएं जिसे देख के ,
खड़ा है वो एक तिनके के सहारे ।
Joined 9 December 2018
2 FEB 2020 AT 0:31

तेरी झुकी नज़रों पे मुझे ऐतबार आज भी है,
बस तुम कहदो तो सही तम्हें प्यार आज भी है ।

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28 NOV 2019 AT 2:00

हर बार जीत के हारा हु मैं,
वक़्त बेवक़्त सैलाबों का मारा हु मैं,
कुछ करीब तो पहुँचा था साहिल तेरे,
पर आये! साहिल तुम्हारा नही हु मैं ।

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23 AUG 2019 AT 11:09

मेरी आँखें आज भी तुझे तकती है,
‘जाना’, ये तो बताओ,
मोहब्बत कितने में बिकती है ?

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2 AUG 2019 AT 1:56

Roonak-e-bahar chali gayi iss kadar zindagi se,
Naam toh raha unka magar khusboo chali gyi zindagi se,

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16 JUL 2019 AT 0:05

Mohabbat k khatir Mohabbat luta baithe,
Bs teri ek hasi k khatir jaan gawa baithe

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12 JUN 2019 AT 22:47

जब भी साखो से पत्ते टुटते देखा,
मानो जैसे किसी को किसी से रूठते देखा,
रूठ के वो साखो से कहा गया होगा,
जा कहि दूर मिट्टी से मिल गया होगा,
आज भी उसे मिलने का कुछ तड़प जरूर रहा होगा,
आरज़ू लिए मन मे वो पेड़ की छाव में सो गया होगा ।

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9 JUN 2019 AT 11:04

क्यों किसी कि महफ़िल को मैखाना बनाया जाए
बार-बार उस बेवफ़ा के नाम का अफ़साना बनाया जाए

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7 JUN 2019 AT 22:19

Lo fir lout ayi chithi meri,
Lgta hai fir unse apna
pata badal diye.

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6 JUN 2019 AT 22:39

कैसे महसूस ना हो वो दर्द जो,
तुम हर बार याद दिलाती हो,
ख्वाब जो सजाये थे रातों को,
हर बार आके तोड़ जाती हो,

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24 MAY 2019 AT 23:02

Khawb dikha k todna v ek hunar h
Warna tmahri iss adda pe kyu marte hm

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