The Bhramjaal   (द भ्रमजाल)
24 Followers · 20 Following

read more
Joined 18 November 2018


read more
Joined 18 November 2018
17 JUL 2022 AT 13:29

“बहस” करना बुरा है, लेकिन “विचार-विमर्श” करना अच्छा है... क्योंकि हम “बहस” से सिद्ध करते हैं कि कौन सही है, और कौन गलत...? वहीं “विचार-विमर्श” से हम तय करते हैं कि क्या सही है, और क्या गलत...?

“स्वाभिमानी” रहकर “विचार विमर्श” करें !
“अहंकारी” बनकर “बहस” नहीं !!

-


14 JUN 2022 AT 12:24

जब मैं गरीबों को भोजन देता तो लोग मुझे संत कहते हैं।

जब मैं पूछता हूँ कि "ग़रीबों के पास भोजन क्यों नहीं है?" तो लोग मुझे कम्युनिस्ट कहते हैं!

-


2 JUN 2022 AT 16:46

अगर ईश्वर पर विश्वास करने से लोग नैतिक हो सकते हैं, तो ऐसी नैतिकता व्यापक रूप से क्यों नहीं दिखाई देती? जबकि ज्यादातर लोग ईश्वर को मानते हैं?

-


29 MAY 2022 AT 23:06

कहा जाता हैं जीवन एक संघर्ष है! और यह उक्ति दुनिया के हर इंसान पर लागू होती है, बस सबका संघर्ष अलग–अलग होता है।

तब आप दु:खी क्यों? परेशान क्यों हैं?

जब हर इंसान अपने अपने हिस्से का संघर्ष कर रहा है! तब दु:ख का कोई औचित्य ही नहीं।

आपके दुःख का कारण आशंका है! भविष्य की आशंका! जिसे आपने आज देखा नहीं, जाना नहीं!

कल क्या होगा? कैसे होगा?

-


5 MAY 2022 AT 17:05

"अफ़सोस... कि बुद्ध आज़ भारतीय पयर्टन का सिर्फ एक साधन बनकर रह गए हैं।"

कभी बोधगया या सारनाथ जाकर देखिये, वहां पश्चिमी सैलानी हवाई जहाज़ भरकर आते हैं। उनमें भारतीय एक भी नहीं होता। हाँ, विदेशी सैलानियों की जेबों में पड़ी विदेशी मुद्रा का फायदा लेकर पैसे बनाने वाले लोग जरूर भारतीय होते हैं।

-


8 SEP 2021 AT 15:00

कहते हैं, आपकी पहचान आपके मित्रों से होती है, उसी तरह किसी देश की पहचान भी उसके मित्र राष्ट्रों से होती है। विश्व के 175 देश इज़राइल को मान्यता देते हैं मगर पाकिस्तान नहीं देता। विश्व के 200 देश तालिबान को मान्यता नहीं देते, लेकिन पाकिस्तान देता है।

-


21 MAY 2020 AT 8:13

जिंदगी की आधी शिकायतें ऐसे ही ठीक हो जायें,
अगर लोग एक दूसरे के बारे में बोलने की बजाय एक दूसरे से बोलना सीख जायें..!!

-


28 APR 2020 AT 9:48

मेरे रोशनदान पर
रहने वाली चिड़िया
तुम्हारे आंगन से
दाने लेकर आती है

तुम्हारे छत पर
टहलने वाली बिल्ली
मेरे घर का
सारा दूध पी जाती है
बोलो, क्या कर सकते हैं हम?

-


9 APR 2020 AT 13:58

ये ग़म के और चार दिन, सितम के और चार दिन,
ये दिन भी जाएंगे गुज़र, गुज़र गए हज़ार दिन,
कभी तो होगी इस चमन पर भी बहार की नज़र !
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर !
तू ज़िन्दा है तो ज़िन्दगी की जीत में यक़ीन कर...

-


18 FEB 2020 AT 19:26

सच्चाई यह है कि हम उतने खुश या दुःखी कभी नहीं होते, जितना खुश या दुःखी खुद को समझ लेते हैं।

-


Fetching The Bhramjaal Quotes