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दिखावे की भीड से अंजान हु मैं
खुद में ग... read more
Happy Women's Day
में नहीं में चाहता की नारी इतनी सशक्त हो जाए की मर्दो के सारे अवगुण अपनाएं
में नही चाहता वो बार और पब में जाए अपने कोमल हाथों से मदिरा उठाए
सिगरेट शराब को मूंह लगाए नशे में चूर होकर किसी अजनबी से हमबिस्तर हो जाए ✖ 😕
मैं चाहता हु नारी ममता की मूरत हो चित्र नही चरित्र खुबसूरत हो
नारी प्यार की परिभाषा हो एक उम्मीद एक आशा हो रोशनी की किरण उन्नति की अभिलाशा हो
कामयाबी की उड़ान हो नारी तुम पुज्नीय हो तुम महान हो ✔ 😊-
मुद्दतों इंतजार के बाद एक मोड़ पर मिलना हुआ
सूखे बिखरे गुलाब का आज फिर खिलना हुआ-
सर्द रातो में भी उसने खुद को तपाया है
वो अरसे से चैन की नींद नही सो पाया है
बड़ी रहमतो से नसीब हुई ये रात
की आज उसने चांद को ढलते और सुरज को उगते हुए पाया है-
अपनी नियत और इरादो पे मजबूरी की चद्दर चढाते है
कुछ लोग है
जो बेवफाई के गद्दे पर आराम से सोकर हालातो के तकिये पे नकली आंसु गिराते है-
मेरे हर हर्फ में जान थी पर उसका जमीर मरा हुआ था
लिखकर बहुत समझाया
पर वो समझती केसे उसके दिल में फरेब भरा हुआ था-
ये महफिल भी तेरी,ये कद्रदान भी तेरे,ये छलकते जाम भी तेरे
नशा तो मुझमे था,मुझे छोड़कर ये फिजुल के सब तामझाम तेरे-
मैं तड़प रहा हु ,वो तड़पा रहे हैं
मैं प्यार करता हु,शायद इसलिए वो सता रहे हैं-
झूठ की बुनियाद पे टिका था आशियाना,
हल्के हवा के झोकें से बिखर गया
अब बचा था सिर्फ सच्चाई की ईटो का खण्डहर,
जो बेवफा के जाने से निखर गया-