It's very easy... Just Invite someone like your teacher, or any favourite person or anyone who think that you are a disciplined person... Your hand will start cleaning the whole house automatically...
Today, I did the same and my home is clean before their arrival😁-
क्या कहूँ, कैसे खुशी जाती रही।
साथ उनके, जिंदगी जाती रही।
ख्वाब में तुमको बुलाया पास और
तेरी हर धड़कन सुनी जाती रही।
हो गए जिस पल वो रुख़्सत बज़्म से
उनके पीछे रौनकी जाती रही।
जा चुका है छोड़कर ये शह्र वो
फिर भी मैं उसकी गली जाती रही।
इश्क़ के रस्ते वो जिस्मों तक गया,
इश्क़ की पाकीज़गी जाती रही।
'रूह' तूने तो वफ़ा की थी मगर
बेवफाई ही लिखी जाती रही।-
चढ़ रहा है इक नशा मुझे तेरे ख़याल से,
अब फ़िज़ा भी खिल उठी है रंग पीले-लाल से।
ये हज़ार रंग चढ़ के छूट जाएंगे कभी,
रंग दो मुझे पिया तुम इश्क़ के गुलाल से।-
2122 2122 212
जिंदगी में कोई ख़ुश-मंज़र नहीं।
मैं जियूँ अब या मरूँ अंतर नहीं।
बुझ गए सारे दिये, जब तुम गए
दिल का इक कोना भी रौशन-तर नहीं।
लौट आओ अब न तड़पाओ मुझे
चैन मुझको आ रही पल भर नहीं।
तोड़ देते हो भला टुकड़ो में क्यों
मैं भी इंसा हूँ कोई पत्थर नहीं।
अपने दिल से यूँ निकालो मत मुझे
तुम करो इस 'रूह' को बेघर नहीं।-
भँवर में डाल कर जिसको मुहब्बत आज़माती है
फ़तेह मिल जाए उसको तो, वफाएँ मुस्कुराती है
मुहब्बत कर के देखो तो तुम्हें मालूम होगा ये
कभी खुल के हँसाती है, कभी शब भर रुलाती है-
2122 2122 2122 212
सामने बैठो मेरे, मुझको सँवर जाने तो दो
वस्ल की शब में मुझे फिर से निखर जाने तो दो
दश्तो- सहरा जिंदगी मैं ढूंढती ही रह गयी
जिंदगी मिल जाएगी कल, आज मर जाने तो दो
इश्क़, उल्फ़त, दिल्लगी में ज़ख्म थोड़े मिल गए
'रूह' में ये ज़ख्म थोड़े और भर जाने तो दो-
जिंदगी को गले मैं लगा लूँ ज़रा।
पास बैठो मेरे मुस्कुरा लूँ ज़रा।
इस सहन में दिया अब जलेगा नहीं
तीरगी से चलो दिल लगा लूँ ज़रा।
यूँ ही चलते हुए दर तेरे आ गया
अपने सिर को यहाँ मैं झुका लूँ ज़रा।
रंज के मोतियों से बना कर क़बा
मैं गले में उसे फिर सजा लूँ ज़रा।
तू अगर साथ दो पल बिता ले मेरे
'रूह' में याद तेरी बसा लूँ ज़रा।-