राम राम जय राजा राम
पतित पावन सीता राम-
याद रखना जिसके संसार के
भरोसे तुम जी रहे हो।
ये ना किसी का था न किसी का हैं।
ना किसी का रहेगा।
तब तक लोग तुम्हें पूछेंगे।
जब तक तुम्हारे पास संपत्ति हैं।
जिस दिन संपत्ति गयी विप्पत्ति आयी,
लोग उससे पहले निकल लेंगे।-
बुरा वक्त तो निकल जाता हैं।
लेकिन वक्त के साथ रंग बदलते
हुए लोग हमेशा याद रहते हैं।-
भौतिक चीजों से वैराग्य तभी संभव है।
जब आप ईश्वर के सर्वोच्च व्यक्तित्व से जुड़े हों।-
पहले लोग मरते थे
और आत्मा भटकती थी।
अब आत्मा मर चुकी है
और लोग भटक रहे है।-
किस्मत ख़राब नहीं होती बस
भरोसा गलत लोगों पर
करने से सब कुछ बिगड़ जाता हैं।-
मंदिर में जब गणेश जी आरती के बाद,
एक छोटी सी बच्ची ने मुझसे पूछा
बांझन को पुत्र दे.... पुत्री क्यूँ नहीं...?
और मेरे पास इसका जवाब नहीं था
शायद अभी भी कुछ चीजें बाकी हैं।
जिन्हें बदलने की जरुरत है....!
बांझन की गोद भरे, निर्धन को माया......
अब तो बस यही उच्चारण करना चाहिए
सभी से हाथ जोड़ प्रार्थना है।-