Thakur nagendra singh   (नाgen राजput)
233 Followers · 235 Following

Not so gud writter but gud person with qualities
Follow me on Instagram "iamngsc"
Joined 30 March 2018


Not so gud writter but gud person with qualities
Follow me on Instagram "iamngsc"
Joined 30 March 2018
7 DEC 2023 AT 19:21

ना कोई शौकिया न कोई खुदगर्जी वाली बात है,
बातें है इतनी तुमसे,
वजह मोहब्बत हो तुम,
वरना में बाते करू..............
ये भी गजब की बात है।

-


6 DEC 2023 AT 19:01

ये मोहब्बत वोहब्बत कुछ भी नही,
सब एहतराम है
सब के हाथ में छुरी सब के मुंह में राम है।

-


27 JAN 2023 AT 16:46

मोहब्बत में अपनी तू मुझको यूं कैद कर ले,
सो जाऊं गर जो रात को तो तकिया मेरा तेरा कांधा लगे।

-


27 JUL 2022 AT 6:33

मेरे दोस्तो के वायदे भी सरकार की तरह निकले,
सत्ता में आते ही दिमाग से फुर्र हो गए।

-


24 JUL 2022 AT 13:37

के इस बड़े से कमरे में हम दो जन रहते हैं
एक मैं हूं और दूसरे को तन्हाई कहते हैं

-


15 JUL 2022 AT 1:25

ये जो तुम नींदों को उड़ाये बैठे हो परिंदों की तरह रात भर,
बदल कर तेवर असली तुम्हारे करते हो प्यारी बातें रात भर,
सुबह उठकर तो तुम मोहब्बत को सरेआम करते हो मालूम है,
रात भर इश्क का नाम करते हो या फिर यूं ही बदनाम करते हो।
और एक शेर है की
मोहब्बत मैं किसी एक का दगा करना भी लाजमी है
तुम ही तो उसकी अदाएं बताकर उसे मशहूर करते हो।

-


14 JUL 2022 AT 2:01


मैं इश्क पाने को एक शख्स से जा मिला
इश्क मिलेगा चलो ये भी निकला भ्रम मेरा,
अकेला मैं और वो सुना सा बड़ा कमरा मेरा
कोने में पड़ा यादों का गरदाई सा बिस्तरा मेरा,
और एक शेर है कि
उससे कहना कि जब आए तो नजरे ना मिलाए मुझसे
कहीं बंद आंखों से देख कर दिल धड़क ना जाए मेरा।

-


12 JUL 2022 AT 23:32

पूरी तरह दीवाना बना कर छोड़ा है मुझे उसने,
मेरा ही नहीं दिल रकीब का भी तोड़ा है उसने,
हाल है ये कि अब भी दीवाने उसे मोहब्बत समझते हैं
ये कैसे हाल पर दीवानों को छोड़ा है उसने!

-


9 JUN 2022 AT 0:12

इश्क को सिर्फ सर चढ़ा रखा है दुनिया ने ऐसा भी कोई खास नहीं,
हां उसका होना चाहता हूं मैं वह मेरी हो जाए हुईं ऐसी कोई बात नहीं,
कल जाते हुए देखा महंगी गाड़ी में रकीब के साथ उसको मैंने,
तब समझ में आया,
दौलत के सामने इश्क की कोई औकात नहीं,
जी हां कोई औकात नहीं।

-


3 JUN 2022 AT 14:22

खिड़की में लगे दो परदे की तरह थे हम
एक रोज आंधी आई और जुदा कर गई।

-


Fetching Thakur nagendra singh Quotes