ज़िन्दगी की कस्मकश में,
डूब गए कुछ इस तरह,
की अपनों को वक्त देने के,
सिलसिले न बन सके,
शब्दों के खेलों में,
खो गए कुछ इस तरह,
शायरी तो बहुत लिखी हमने,
पर शायर न बन सके ।-
बयाँ न कर पाएं जुबां से, शब्दों के मोहताज हैं हम... read more
Chand ko jaise taron ne sanwara hai,
Sard mein jaise fajar ka sahara hai,
Doob jati meri kashti sahil pr aate hi,
Hme toh teri bahon ne sambhala hai-
यूं तौहीन न कर मेरी राहों की, ए मुसफिर,
कभी तूने भी इन्ही से गुज़र कर मंज़िल पाई थी।-
फूलों की तरह काँटों में लिपटकर खिलना सीखा है,
दर्द में भी दुनियाँ से मुस्कुरा कर मिलना सीखा है,
बयां कर देते तो शायद दर्द कुछ कम हो भी जाता,
पर हमने भी ज़ख्मों को दिल में सजा कर चलना सीखा है।-
मुस्कुराने से,
कि कहीं मेरी मुस्कुराहट को नज़र न लग जाए,
इनकार है मुझे दुनियाँ से,
कि कहीं ये दुनियाँ मेरी ख़ुशी न छीन जाए,
इनकार है मुझे खुद से,
कि कहीं दुनियादारी में हम खुद को न खो जाएँ,
इनकार है मुझे मैखाने से,
कि कहीं जाम की मुहब्बत मेरे दिल में न समां जाए
-
राहों से उनकी गुज़र क्या गए,
उन्होंने तो हमे रोड़ा समझ लिया,
हीरे में ज़रा सी मिट्टी क्या लग गई,
उन्होंने तो हमें कोयला समझ लिया-
ज़रूरी नहीं कि ज़िन्दगी में हर ख्वाब मुकम्मल हो जाए,
मगर इसका यह मतलब नहीं की हम ख्वाब देखना ही छोड़ दें ।-
नाम बनाने निकले थे, खुद गुमनाम हो गए,
सपने खरीदने निकले थे, खुद नीलाम हो गए।-
दुनियाँ में कोई भी कमज़ोर नहीं होता, बस हौसले - हौसले की बात है ।
माना हवाओं की इतनी औकात नहीं की पेड़ो को हिला दें,
मगर वही हवाएं तूफ़ान बन जाएं तो पूरा जंगल उजाड़ दें ।-