ऐसे ही इक इक कर के तुमने,न जाने कितने राज़ छुपाकर रक्ख़ा है - Teksingh
ऐसे ही इक इक कर के तुमने,न जाने कितने राज़ छुपाकर रक्ख़ा है
- Teksingh