हर एक बादल की गर्जन
किसी अपने से पराए हुए
लोग की याद दिलाते है,
मेरे बदन पर पड़ने वालें हर एक
बारिश के छीटें फिर से मुझे
किसकी यादों में अकेला
तन्हां छोड़ गुजर जाते हैं ,
न जाने क्यों, ये बिन बुलाबे के
बरसात आते हैं-
तेरे दूर जाने के बाद
तेरी यादों को भूल जाना।।
कभी बेवक्त तेरे बुलाने पर
दूर होने के बाद खुद की परवाह
किए बैगर वहां जाना ।।
कभी हाथों की छतरी बना
बारिश की बूंदों से तुझे बचाना।।
इसके बाबजूद तेरा एक छोटा
सा बहना न जाने मुझे क्यों
बनाया गया इस खुदगर्ज
जमाने में बेगाना।।
शायद तेरे जितना ही
आसान होता मेरा भी
तुझे भूल जाना।।
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सिर पर गंगा मैया,मुकुट पर चंदा मामा
गले में नाग देव, हाथ में त्रिशूल
भूत प्रेत की टोली, नंदी की सवारी
देव के देव, परम ज्ञानी रावण भी बना जिनका पुजारी
यहीं है देवों के देव महादेव की एक छोटी सी जानकारी
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लोग अपनी चाहत की तुलना चांद से करते हैं,
उनका मतलब को समझिए जनाब,
यहां भी एक नारी की तुलना एक पुरुष के साथ करते हैं
फिर भी गर्व से कहते हैं कि हम उससे सच्ची चाहत रखते हैं।।-
इस दिल में अलग सी खुशी थी
जब उस हसीन शाम में किसी अपने का साथ था,
कहने को तो गंगा का तेज धार था, पर अब डूबने का डर नहीं था, क्योंकि संग उनके मेरे हाथों में उनका हाथ था।।
ये जिंदगी फिर से लौट चल उस सावन में जब हसीन बरसात में , किसी गुमनाम अंधरे में सिर्फ मेरा और उनका साथ था।-
बारिश भी कमाल करती है ,बिना कुछ बोले किसी की पुरानी यादों को खुदेड़ ने का काम कर जाती है।।
ये बारिश भी कमाल करती है, खुद बूंद बूंद बरस कर मेरे आंखो कि बारिश को बेअसर कर जाती है।।
ये बारिश भी कमाल करती है ,ना जाने फिर से क्यों किसी के साथ बिताए उस हसी पल की याद ताजा कर जाती है
ये बारिश भी कमाल करती है
कितनों की तकलीफ को अपने साथ लिए जाती है।।-
जान पर अाई है जान की बाजी लगा दे क्या
दिल तोड़ने का बहुत ही शौक है तुम्हारा
दिल की दुकान खोल दू क्या-
क्यों इतनी छल और कपट हैं इस दुनिया में
कहीं दिखवा ही भी नहीं बड़ी हथियार हैं इस दुनिया में
जो कभी आपकी हर छोटी बड़ी खुशियों के लिए अपनी त्याग और अपनी दुःख को आपके सामने कभी नहीं दिखता आज उसके लिए दिखावा क्यों कर रहें हो इस झूठी दुनिया में
अगर करना ही उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आने का काम, तो बंद करो अपने बड़े होने पर उनको तकलीफ देने का काम, किसी दूसरे के बहकावे में आकर वृद्ध आश्रम छोड़ने का काम ,अपनी गलतियों पर भी उन्हीं को गलत बताने का काम
मत करो इस झूठी और फरेब की भीड़ से भड़ी दुनिया में दिखावे का काम ,यहीं तुम्हारा होगा उनके लिए सम्मान का काम ,खुद को करो बुलंद और मजबूत इतना कि बहुत जल्द हो तुम से उनका नाम ,ताकि अखबारों में हेडिंग बने तुम्हारे सिर पर रखा आशीर्वाद के लिए उनका हाथ और इस मतलबी और खुदगर्ज दुनिया में तुम्हारा और उनका यही हो इस दुनिया को नेक पैगाम
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रह जाऊं कहानी बनकर मुझे किताब कर दो!
जिंदगी बहुत थक गया हूं मेरा हिसाब कर दो!!
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सच ही कहा है रहीम ने कि मन की दुःख मन के भीतर ही रखना चाइए क्योंकि वर्तमान का परिवेश यह है कि लोग तुम्हें दुःख में देख कर खुश जरूर होंगे पर तुम्हारे दुःख में साथ खड़े नहीं होगे
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