इश्क के प्याले में कुछ तो छूटता ही है , दिन-रात जिसे पाना चाहो वो एक दिन रूठता ही है , सच्चे इंसान को हरकोई छोड़ता ही है , दिल ऐसी चीज है जिसे हर कोई तोड़ता ही है.. फिर ना जाने क्यूं?? यह दिल हर किसी से मुंह नही मोढ़ता, दिल धड़कना बंद कर भी दे पर संपने देखना नही छोड़ता, दिल अगर मर भी गया तो यह फिर भी किसी पर मरना नहीं छोड़ता, यह दिल टूट जाता है तो भी धड़कना नही छोड़ता , वैसे ही जैसे मछली को पानी से निकाल कर देखो.. ये भी वैसा ही करता है... जब यह दिल किसी को पाने की आग में तड़पता है , दिल इंसान के अंदर सबसे जादा कमजोर होता है , यह किसी न किसी पर फिदा जरूर होता है , यह दिल भी न जाने कहा कहा , किस किस से दूर होता है और किस किस के करीब होता है, यह दिल फिर भी धड़कना कहा छोड़ता है कहा छोड़ता है।।
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