उड़ने दो रंग इस बेरंग जिंदगी में
एक त्यौहार ही तो है जो हमें रंगीन बनाते हैं-
I don't know about my... read more
स्त्री को तुछ आँकते आँकते, कब पुरुष उसके साथ मुकाबला करने लगता है उसे भी नहीं पता चलता..ll
पर भूल ये जाता है कि मुकाबला टक्कर वाले ही देते हैं.. जो उसे आज एक स्त्री दे रही हैl-
Banaras chloge, ghaat par chai peene
Ghanto Beth lenge, ghr ki jagah ghaat par
Koshish krungi tumhe hath na lgaun.
Ho paya to kar lenge.
Nahi to hath pakad k ankho se andar k sab
Raaz padh lenge.
Waps pohch k tumhe baahon mai bhar lenge.
Apne aap ko bina saree tumhare hawale kar denge-
लिखा जाए भी क्या, दिमाग खाली और दिल भी जैसे बेज़ुबान है।
जो था पहले खुद का क़द्रदान, आज खुद से ही परेशान है।
ना जाने मेरे शब्द कहाँ गए, ये हाथ भी हैरान है।
हो जाती काश रुकसती दुनिया से, दुनिया तो बस कहने को महान है।-
होते हम जो गुनाहगार तो अच्छा होता
शरीफ़ समझ के दुनिया ने उम्मीदें बहुत लगा ली हैं।-
लगाव इतना भी नहीं के लग जाए ये ऐब जैसा |
ऐब भले हमने यूं ही पाले बहुत हैं |-
जहाँ स्वास्थय के लिए योग और आयुर्वेद हो,
शिक्षा के लिए गुरुकुल और चार वेद हों,
हर एक बात के पीछे रसायन से जुड़े तथ्य हों,
रोज़गार के लिए आपका मन तत्पर हो,
कहीं रोज़गार ना मिले तो अध्यात्म का पथ हो,
वहां जीवन, देश धर्म से अलग कैसे हो सकता है?
अब धर्म के नाम पर जब तलवार कोई चलाएगा तो
ये धर्म ही आपको बचाएगे.. 😊-
मिले तो एक आखिरी बार के लिए भी नहीं।
तब जब कहते थे हर बार मिलेंगे।-
Pehle samay ka credit card de ke khta tha aish kar
Ab to din Mai ek baar ki bheek hi waqt pr mil jae bhut hai-
Shabdon mai smjhana mushkil tha
Bevajah itrana mushkil tha
Tu dekhta aise tha k sharmana b mushkil tha...-