क्या ही कशिश दरम्यान इन बूंदों में नज़र आती हैनहीं तो और क्या जो ये मुहब्बत में बरसती जाती हैं -
क्या ही कशिश दरम्यान इन बूंदों में नज़र आती हैनहीं तो और क्या जो ये मुहब्बत में बरसती जाती हैं
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