आख़िरी सांस आख़िरी आंसू देखिए पहले आता है कौनमेहमान तो कबके चले गएअबके दिल से जाता है कौन मैं तो यूं भी उदास रहता हूंखाली दिल घर बनाता है कौनकारोबारे गम दुनिया नहीं लेकिनदिल तोड़े बगैर यहां से जाता है कौनकुछ खूबसूरत सा चाहिए जिंदगी कोदेखूं अपनी सदा सुन पाता है कौन -
आख़िरी सांस आख़िरी आंसू देखिए पहले आता है कौनमेहमान तो कबके चले गएअबके दिल से जाता है कौन मैं तो यूं भी उदास रहता हूंखाली दिल घर बनाता है कौनकारोबारे गम दुनिया नहीं लेकिनदिल तोड़े बगैर यहां से जाता है कौनकुछ खूबसूरत सा चाहिए जिंदगी कोदेखूं अपनी सदा सुन पाता है कौन
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मुझे यकीं है भूला दिया गया होगाकिसी का घर बसा लिया गया होगागलत नहीं मेरे साथ जो हुआ लेकिनपरेशान हूं उसके साथ क्या हुआ होगाउतर गया जो दिल से गलत नही लेकिनलकीरों ने और किसके साथ यूं किया होगाकोई कब तक और कितना मातम करेधूप ने मुसाफ़िर को कहीं बिठा लिया होगामैं कैसे जल सकता हूं और की तकदीर पेजो नसीब ने रकीब को गले लगा लिया होगा -
मुझे यकीं है भूला दिया गया होगाकिसी का घर बसा लिया गया होगागलत नहीं मेरे साथ जो हुआ लेकिनपरेशान हूं उसके साथ क्या हुआ होगाउतर गया जो दिल से गलत नही लेकिनलकीरों ने और किसके साथ यूं किया होगाकोई कब तक और कितना मातम करेधूप ने मुसाफ़िर को कहीं बिठा लिया होगामैं कैसे जल सकता हूं और की तकदीर पेजो नसीब ने रकीब को गले लगा लिया होगा
एक नाम ज़रूर होगाइस सफ़र कामेरे लिए सफ़र सिर्फ़ एक सफ़र हैपेड़ सिर्फ़ एक पेड़फूल सिर्फ़ एक फूलरास्ते ने ओढ़ रखी हैमंजिल की इक चादरमुसाफिर रस्ते पर आता जाता हैकाश वो भूल ना पाता कभी भीरस्ते जिंदगी में जो याद दे जाते हैं -
एक नाम ज़रूर होगाइस सफ़र कामेरे लिए सफ़र सिर्फ़ एक सफ़र हैपेड़ सिर्फ़ एक पेड़फूल सिर्फ़ एक फूलरास्ते ने ओढ़ रखी हैमंजिल की इक चादरमुसाफिर रस्ते पर आता जाता हैकाश वो भूल ना पाता कभी भीरस्ते जिंदगी में जो याद दे जाते हैं
करना ऐतबार तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैंकोई नहीं है और तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैंहर तरफ़ रंजिश हर तरफ़ नफ़रत, अजीब है वहशतदिल है मिरा कमज़ोर,तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैं नफ़रतों से बहुत दूर एक नई दुनिया की खोज मेंअच्छाई है मेरा इंतज़ार, तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैं पहचान हो ना सकी सो मात खाते रहे हमअभी काबिल नहीं हम, तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैं। -
करना ऐतबार तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैंकोई नहीं है और तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैंहर तरफ़ रंजिश हर तरफ़ नफ़रत, अजीब है वहशतदिल है मिरा कमज़ोर,तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैं नफ़रतों से बहुत दूर एक नई दुनिया की खोज मेंअच्छाई है मेरा इंतज़ार, तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैं पहचान हो ना सकी सो मात खाते रहे हमअभी काबिल नहीं हम, तुम्हारी दुनिया से कट रहे हैं।
तुम्हे जीने की सुहूलत तुम जियोहमारा तो मरना भी गंवारा नहीं चाहे जो समझना चाहें समझ लेंकिरदार अपना कतई आवारा नहींटूट जाते हैं यह ज़िन्दगी संवारने मेंहम लोगों का मुश्किल सहारा नहींभेदभाव सियासत में गहरे धंसा हुआमुहब्बत का हर किसी को इशारा नहींजिंदगी बड़ी आसान होती थी हमारी आसानी का भी हमारे कहीं गुज़ारा नहीं -
तुम्हे जीने की सुहूलत तुम जियोहमारा तो मरना भी गंवारा नहीं चाहे जो समझना चाहें समझ लेंकिरदार अपना कतई आवारा नहींटूट जाते हैं यह ज़िन्दगी संवारने मेंहम लोगों का मुश्किल सहारा नहींभेदभाव सियासत में गहरे धंसा हुआमुहब्बत का हर किसी को इशारा नहींजिंदगी बड़ी आसान होती थी हमारी आसानी का भी हमारे कहीं गुज़ारा नहीं
एक किरदार ही बन रहें हैं हम तोकोई कहानी नहीं हो सकें हम तोहमारे हाथो में डोर नहीं रखी हमारी चाहते कुछ होते कुछ जा रहें हम तो मर्जी थी नही सफ़र ज़रूर मगर थाकल के लिए कुर्बान होते गए हम तोकितने जंगलों को शहर हमने कर दियाइसी शहर में मगर कितने बेगाने हम तोख़्वाब ताबीर तलक पहुंचाने का ज़िम्माहर ख्वाब से बेदखल हैं लेकिन हम तो रात के खाने में कितनी बार भूख़ खाया हैनहीं गिने जाते फिर भी कहीं हाय हम तो कल भी मज़दूर थे आज भी हम मज़दूरहक की बात सुनो हक से भी दूर हम तो -
एक किरदार ही बन रहें हैं हम तोकोई कहानी नहीं हो सकें हम तोहमारे हाथो में डोर नहीं रखी हमारी चाहते कुछ होते कुछ जा रहें हम तो मर्जी थी नही सफ़र ज़रूर मगर थाकल के लिए कुर्बान होते गए हम तोकितने जंगलों को शहर हमने कर दियाइसी शहर में मगर कितने बेगाने हम तोख़्वाब ताबीर तलक पहुंचाने का ज़िम्माहर ख्वाब से बेदखल हैं लेकिन हम तो रात के खाने में कितनी बार भूख़ खाया हैनहीं गिने जाते फिर भी कहीं हाय हम तो कल भी मज़दूर थे आज भी हम मज़दूरहक की बात सुनो हक से भी दूर हम तो
सूना है आंगन मेरा दरख़्त के बादजद में थी यह जान दरख़्त के बादतमाम जमीन पे कहीं जगह ना होगीएक साया भी ना होगा दरख़्त के बाद ऊब चुका है दिल एक बहाना है दुनियाबहुत बदल चुका अंदाज दरख़्त के बादकितनी याद जुड जाती है एक मुहब्बत सेमुहब्बत ही बदल जाती है दरख़्त के बादइसमें ज़िक्र बन गया इक ठोकर का अब सेमानो हो गई कहानी पत्थर दरख़्त के बाद -
सूना है आंगन मेरा दरख़्त के बादजद में थी यह जान दरख़्त के बादतमाम जमीन पे कहीं जगह ना होगीएक साया भी ना होगा दरख़्त के बाद ऊब चुका है दिल एक बहाना है दुनियाबहुत बदल चुका अंदाज दरख़्त के बादकितनी याद जुड जाती है एक मुहब्बत सेमुहब्बत ही बदल जाती है दरख़्त के बादइसमें ज़िक्र बन गया इक ठोकर का अब सेमानो हो गई कहानी पत्थर दरख़्त के बाद
कितना लंबा होता है मेहनत से भरा एक दिनकितनी छोटी होती हैं क़िस्मत से भरी हुई रेखाएं दंगे ने मेरा तो सबकुछ छीन लिया इस बारभाईचारे की और कितनी मिलेंगी हमें सज़ाएंसदियों साथ मिलकर रहें कोई दिक्कत नहीं आईलोगों को बांट कर क्या वो बांटेंगे दरम्यान हवाएंक़िस्मत पे फक्र था कभी हर इक शख़्स को नफ़रत हिंसा से जख्मी दुनिया मांगती हैं दुआएंमअसला जीने का जो कभी था नहीं आज सामने हैजीओ और जीने दो भूल कर कहां आ गए हम वफाएं -
कितना लंबा होता है मेहनत से भरा एक दिनकितनी छोटी होती हैं क़िस्मत से भरी हुई रेखाएं दंगे ने मेरा तो सबकुछ छीन लिया इस बारभाईचारे की और कितनी मिलेंगी हमें सज़ाएंसदियों साथ मिलकर रहें कोई दिक्कत नहीं आईलोगों को बांट कर क्या वो बांटेंगे दरम्यान हवाएंक़िस्मत पे फक्र था कभी हर इक शख़्स को नफ़रत हिंसा से जख्मी दुनिया मांगती हैं दुआएंमअसला जीने का जो कभी था नहीं आज सामने हैजीओ और जीने दो भूल कर कहां आ गए हम वफाएं
महफ़िल में कब जगह पाता हूं मैंबस जाता हूं लौट के आ जाता हूं मैंतेरे असल इरादों को नहीं ज़िंदगीअपने हैसियत में पहचान पाता हूं मैंदुख अपने अपने सबके इकठ्ठे होते हैंदुखों की ज़द में एक दिन आता हूं मैं दो ही चीजें अनोखी मुहब्बत में बनी आसमां जमीं सा कोई नहीं पाता हूं मैंमुझको आंखों में लिए फिरे वो शख़्सख़ुद के लिए तसव्वुर प्यार चाहता हूं मैं -
महफ़िल में कब जगह पाता हूं मैंबस जाता हूं लौट के आ जाता हूं मैंतेरे असल इरादों को नहीं ज़िंदगीअपने हैसियत में पहचान पाता हूं मैंदुख अपने अपने सबके इकठ्ठे होते हैंदुखों की ज़द में एक दिन आता हूं मैं दो ही चीजें अनोखी मुहब्बत में बनी आसमां जमीं सा कोई नहीं पाता हूं मैंमुझको आंखों में लिए फिरे वो शख़्सख़ुद के लिए तसव्वुर प्यार चाहता हूं मैं
पहले मिलता था बात होती थीसिर्फ़ एक ख़त पड़ा है नाम यहांदुख बिछड़ने के तुम क्या जानोतुमने तो देखा नहीं दुनिया जहांमुझ को ये मालूम नहीं था दोस्तबिचड़ने वालों को ढूंढते हैं कहां जिसे देखने की हसरत जीना थी उसे आंखें देख सकीं कितनी दफादिल मुजरिम नहीं इस अदालत मेंदुनिया का कारोबार निकला बेवफा -
पहले मिलता था बात होती थीसिर्फ़ एक ख़त पड़ा है नाम यहांदुख बिछड़ने के तुम क्या जानोतुमने तो देखा नहीं दुनिया जहांमुझ को ये मालूम नहीं था दोस्तबिचड़ने वालों को ढूंढते हैं कहां जिसे देखने की हसरत जीना थी उसे आंखें देख सकीं कितनी दफादिल मुजरिम नहीं इस अदालत मेंदुनिया का कारोबार निकला बेवफा