कहते है, कि, घर से बड़ा कोई स्वर्ग नहीं होता…
अपनो से बढ़कर कोई, सगा नहीं होता..
शुरूआत करते है, जहां से, एक नए मंजिल की हम..
उस पल से खूबसूरत कोई और पल नहीं होता।।— % &-
Dil__kie__alfaaz❤️
Podcaster on Hubhopper🔆✨
A writer in mak... read more
जो बीत गया कल, उसे, एक सपना समझो..
चले गए जो, उन्हें बस एक कहानी सा पढ़ो..
फिक्र करो अब, एक नए सवेरे कि, तुम..
जो आयेंगे उनकी, पूरी शिद्दत से इबादत करो।।-
इन बेवक्त के खयालों में,
कहीं, उलझ गया हूं..
अपने सपनों के गलियों में,
कहीं, गुम हो गया हूं..
ख्वाब जगाते है,
लाखों, जज़्बात मेरे..
शायद इन जज़्बातो के आशियानों में..
खुद से रूठ गया हूं मैं।।-
मैं दिसंबर की सर्द सा, तुम जनवरी की धूप..
मैं साल का आखिरी महीना,
तुम नए साल की एक खिली फूल..
मैं ख्वाबों में खोया एक नदी का किनारा,
तुम उमंग से भरी एक नई डोर..
मैं बादलों में खोया सूरज तुम्हारा,
तुम रोशनी रात के चांद की।।-
Mana ki krta hu bahut, गलतियां, mai...
खामियां, shayad anginat hai mujhme..
Par, करीबियों ko manane me kbhi...
Peeche, हट्टा, nahi hu mai..!-
Where the paint serves the emotions and the potrait presents the hidden you.
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कदर कर लो अपनो की..
किसे पता कब क्या हो जाए..
जो मिले हों तुमसे पिछली शाम..
क्या पता आज, वो बस यादें बन जाए।।-
बंसी जिनकी हर दुख हरती हो..
चरणों में आने से, जिनके, हर बीमारी कटती हो..
जन्माष्टमी, जिनके जन्म का पावन पर्व हो..
क्या बिनती या आग्रह करू मैं उस कृष्ण से..
जो खुद से आगे अपने लोगो को रखते हो।।-
चाहने की उमर में, भूलना हम सीख गए..
मौका था, जब, लोगो के पास जाने का..
तो कैसे दूर जाना है,
बिन चाहे इस बात को हम समझ गए..
चाहने की उमर में, भूलना हम सीख गए..।।-
जिंदगी के हर पहलू में, दिखावे की दोस्ती मत कर..
दोस्त है अगर तू, तो बिन सोचे, आके गले भी लग..
बर्बाद कर रखा है कुछ लोगो ने इस दोस्ती शब्द को..
चल यार बदलते है दोस्ती की इस परिभाषा को अब..!-