Tatsat Pandey   (सुरखाब)
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Joined 25 February 2018


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Joined 25 February 2018
29 JAN 2022 AT 12:33

कहते है, कि, घर से बड़ा कोई स्वर्ग नहीं होता…
अपनो से बढ़कर कोई, सगा नहीं होता..
शुरूआत करते है, जहां से, एक नए मंजिल की हम..
उस पल से खूबसूरत कोई और पल नहीं होता।।— % &

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1 JAN 2022 AT 1:01

जो बीत गया कल, उसे, एक सपना समझो..
चले गए जो, उन्हें बस एक कहानी सा पढ़ो..
फिक्र करो अब, एक नए सवेरे कि, तुम..
जो आयेंगे उनकी, पूरी शिद्दत से इबादत करो।।

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7 DEC 2021 AT 18:31

इन बेवक्त के खयालों में,
कहीं, उलझ गया हूं..
अपने सपनों के गलियों में,
कहीं, गुम हो गया हूं..
ख्वाब जगाते है,
लाखों, जज़्बात मेरे..
शायद इन जज़्बातो के आशियानों में..
खुद से रूठ गया हूं मैं।।

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4 DEC 2021 AT 22:39

मैं दिसंबर की सर्द सा, तुम जनवरी की धूप..
मैं साल का आखिरी महीना,
तुम नए साल की एक खिली फूल..
मैं ख्वाबों में खोया एक नदी का किनारा,
तुम उमंग से भरी एक नई डोर..
मैं बादलों में खोया सूरज तुम्हारा,
तुम रोशनी रात के चांद की।।

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6 OCT 2021 AT 21:43

Mana ki krta hu bahut, गलतियां, mai...
खामियां, shayad anginat hai mujhme..
Par, करीबियों ko manane me kbhi...
Peeche, हट्टा, nahi hu mai..!

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4 SEP 2021 AT 0:52

Where the paint serves the emotions and the potrait presents the hidden you.

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2 SEP 2021 AT 22:14

कदर कर लो अपनो की..
किसे पता कब क्या हो जाए..
जो मिले हों तुमसे पिछली शाम..
क्या पता आज, वो बस यादें बन जाए।।

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30 AUG 2021 AT 9:40

बंसी जिनकी हर दुख हरती हो..
चरणों में आने से, जिनके, हर बीमारी कटती हो..
जन्माष्टमी, जिनके जन्म का पावन पर्व हो..
क्या बिनती या आग्रह करू मैं उस कृष्ण से..
जो खुद से आगे अपने लोगो को रखते हो।।

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18 AUG 2021 AT 10:30

चाहने की उमर में, भूलना हम सीख गए..
मौका था, जब, लोगो के पास जाने का..
तो कैसे दूर जाना है,
बिन चाहे इस बात को हम समझ गए..
चाहने की उमर में, भूलना हम सीख गए..।।

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1 AUG 2021 AT 9:12


जिंदगी के हर पहलू में, दिखावे की दोस्ती मत कर..
दोस्त है अगर तू, तो बिन सोचे, आके गले भी लग..
बर्बाद कर रखा है कुछ लोगो ने इस दोस्ती शब्द को..
चल यार बदलते है दोस्ती की इस परिभाषा को अब..!

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