गुनाह की तो सजा होती है
पर मैने तो उसे मुस्कराते देखा है।
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Tarun Thakur
(Janab)
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Joined 22 January 2019
14 NOV 2021 AT 0:34
मुँह से कभी इतना बोल नही पाया
ना जाने चुप रह कर क्यों इतना बोलता हूँ-
30 SEP 2021 AT 13:40
खुले बाल तुम्हारी आज़ादी बयां करते है
और बंधे हुऐ यह तुम्हारी सादगी दर्शाते हैं।
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15 AUG 2021 AT 23:33
बेहतर की तलाश में
बेहतरीन खोया है।
और खोने के बाद
हर शख़्स रोया है।-
3 JUN 2021 AT 23:12
मेरी बातें तुम्हे बहुत सताती थी
लो अब हम ने चुपी थाम ली।
अब दुआ करो यह धड़कन भी थम जाए
इनका शोर मुझे सोने नही देता।-
26 MAY 2021 AT 10:37
दार्शनिक तभी बनो जब जेब मे पैसा हो।
क्योंकि मन कितना ही अच्छा हो।
लोग तभी आपकी और आपकी बातों
की कदर करते है जब आपकी जेब
में धन हो।-
11 MAY 2021 AT 22:28
जब मैं खुद की कदर खुद ना कर पाया
तो तुम से कैसा गिला शिकवा।
जब मैं खुद अपना ना बन पाया
तो तुम्हें कैसे कह दु बेवफ़ा।-