हां की ख्वाहिश नही मुझे अपने प्यार से,
बस इक बार ईश्क -ए -इज़हार करना है।
मैने कह दिया हाल-ए-दिल चुप रह कर,
अब बस उसकी खामोशी को समझना है।।
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I love my passion @@
Works as Assistant Manager in Oriental ban... read more
वो शख्स भी दिसंबर महीने सा लगता है तरूण,
रोज सुबह लगता है बिछड़ने का वक्त हो गया ।।-
नशा-ए-मय के सिवा कितने नशे और भी हैं
तेरे इक फरेब ने तरूण मेरी सोच बदल डाली ।।-
मैं तो तेरा हूँ हर पल तेरा ही रहूँगा
तू भी कभी किसी पल मेरी हो जा ।।-
अभी एक ताजा गज़ल कहने की कोशिश की है ,उसके कुछ अशार पेश कर रहा हू ,उम्मीद करता हू आपको पसंद आयेंगे ....
वज़ह पूछते है सब लोग की आँखे क्यू मुरझायी हुई है
मैं टाल देता हूँ कहकर कल रात देर तक पढ़ायी हुई है
ये जो तुमसे खैरियत पूछते है लोग,वो सब मजे लेते है
तुम किसी से ज़िक्र ना करना ,कि हमारी लडाई हुई है
मेरा म़शवरा है आँखों, कुछ आँसू बचा के रखना पीछे
अभी बाकी है शादी उनकी, अभी तो बस सगाई हुई है।।।-
मुश्किल था मेरे लिए बड़ा मगर उसके लिए आसां बना दिया
बे-वजह लड़ता रहा उससे,उसे खुद से दूर रहना सिखा दिया-
लाज़मी थी हावी होनी मुझ पर मस्ती वजूद की तरूण ,
अब उनकी बातो मे हूँ ,जिनकी आँखो मे खटकता था ।।-