जिंदगी के आगे कुछ यूं मजबूर हो गए ।किस्मत बनाने निकले तो माँ से दूर हो गए ।। -
जिंदगी के आगे कुछ यूं मजबूर हो गए ।किस्मत बनाने निकले तो माँ से दूर हो गए ।।
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जी चाहता है मार दिया जाए दीवाने को।पर खुद को चोट पोहोचाना आसान नही ।। -
जी चाहता है मार दिया जाए दीवाने को।पर खुद को चोट पोहोचाना आसान नही ।।
तुम तो मेरी बर्बादी में शामिल नही । फिर चहरे पर ये झूठी हमदर्दी कैसी ?और जो शामिल हैं उन्हें किस्मत खुद रुलाएगी। अरे ये क्या तुम्हारी आँखों में ये नमी कैसी ? -
तुम तो मेरी बर्बादी में शामिल नही । फिर चहरे पर ये झूठी हमदर्दी कैसी ?और जो शामिल हैं उन्हें किस्मत खुद रुलाएगी। अरे ये क्या तुम्हारी आँखों में ये नमी कैसी ?
बेवफाई तो मिली पर बेवफा न मिले ।रहमत तो मिली पर खुदा न मिले ।।बैठ गया था महफ़िल में बड़े शायरों की ।वहां राहत तो मिली पर इंदौरी न मिले ।। -
बेवफाई तो मिली पर बेवफा न मिले ।रहमत तो मिली पर खुदा न मिले ।।बैठ गया था महफ़िल में बड़े शायरों की ।वहां राहत तो मिली पर इंदौरी न मिले ।।
काश थोड़ी आशिक़ी मेरी,मेरी भी होती ।फिर थोड़ी सी कदर मुझे ,मेरी भी होती ।। -
काश थोड़ी आशिक़ी मेरी,मेरी भी होती ।फिर थोड़ी सी कदर मुझे ,मेरी भी होती ।।
तुझ पर मेरा एक एहसान अभी बाकी है। दिल पे मेरे तेरी मोहोब्बत का निशान अभी बाकी है।। -
तुझ पर मेरा एक एहसान अभी बाकी है। दिल पे मेरे तेरी मोहोब्बत का निशान अभी बाकी है।।
नफरत करते हो मुझसे , बेशक ये मेरी गलती है ।मोहोब्बत वही होती है ,जहा नफरत पलती है ।। -
नफरत करते हो मुझसे , बेशक ये मेरी गलती है ।मोहोब्बत वही होती है ,जहा नफरत पलती है ।।
सब भाग रहे है दुःखो से,दुःखी रहना किसको भाता है।मुझे रहने दो दुःखों में ,मेरा इनसे पुराना नाता है ।।रख के मुश्कान चेहरे पर ,चल रहा हूँ शान से ।आज न तो कल आएगा , क्योकि वक्त सभी का आता है । -
सब भाग रहे है दुःखो से,दुःखी रहना किसको भाता है।मुझे रहने दो दुःखों में ,मेरा इनसे पुराना नाता है ।।रख के मुश्कान चेहरे पर ,चल रहा हूँ शान से ।आज न तो कल आएगा , क्योकि वक्त सभी का आता है ।
फूल खिलाते रहे हम जिस राह पर , न जाने वहां काटे कैसे उग आए ।कम गोर फरमाते है अब तुम्हारी बातो पर ,न जाने कोनसी बात कब चुभ जाए।। -
फूल खिलाते रहे हम जिस राह पर , न जाने वहां काटे कैसे उग आए ।कम गोर फरमाते है अब तुम्हारी बातो पर ,न जाने कोनसी बात कब चुभ जाए।।
सच्ची थी मोहब्बत पर कभी कोई दिलचस्पी न थी दिखाने में।साथ बिताए लम्हों में आधे तो निकाल दिए थे दुनिया से छिपाने में।। -
सच्ची थी मोहब्बत पर कभी कोई दिलचस्पी न थी दिखाने में।साथ बिताए लम्हों में आधे तो निकाल दिए थे दुनिया से छिपाने में।।