कुछ ग़लत पतों ने...
हमें तमा ज़िन्दगी सफर में रखा😔-
Jab jis'm se ro'oh Nikal sakti hai,
To dil se log Kyun nahin...??-
कोई उम्र भर बेख़बर रहा मेरे अल्फाज़ो से...
तो किसी को मेरी ख़ामोशी में भी दिलचस्पी है...।।-
जो सब पे बोझ था इक शाम जब नहीं लौटा
उसी परिंदे का शाख़ों को इंतिज़ार रहा...-
अल्फ़ाज़ की अदाएगी तर्ज़-ए-बयान सीख
करना अगर है इश्क़ तो उर्दू ज़बान सीख...-
कुछ बिखरी ज़िंदगियों में
उम्मीदें जगा देतीं हूँ😌
यह मेरी मुस्कुराहटें
दुआऐं हैं उन सबकी
जिन्हें मैंने तब बाँटा,
जब मेरे पास भी
कमी थी😔👐-
पूछा - कभी तो
छलकते होंगे आँसू?
मैंने कहा-अपनी
मुस्कुराहटों से बाँध
बना लेती हूँ☺
अपनी हँसी कम पड़े तो
कुछ और लोगों को
हँसा देतीं हूँ😊-
कोई मुझसे "मैं परेशान हूँ"
सुनने को बेताब था,
इसलिए सवालों का
सिलसिला भी
बेहिसाब था😌-
फिर तंज़ किया- अच्छा
बनावटी हँसी, इसीलिए
परेशानी दिखती नहीं😏
मैंने कहा-
बेइन्तेहा यकीं है,
मेरा रब मेरे साथ है,
फिर फिक्र-ओ-परेशानी की
क्या औकात है☺-
उसकी हैरानी बोली-
फिर भी यह हँसी?
मैंने कहा- डाल ली आदत
हर घड़ी मुस्कुराने की😊
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