Tara Singhal   (तारा 'प्रताप')
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Joined 19 November 2019


Joined 19 November 2019
12 MAY AT 12:51

यादों के सहारे जीने की कुछ उम्मीद साथ ले आये थे
उनसे होगी फिर कभी मुलाकात
यह भ्रम तो उन्हीं के पास छोड़ आये थे...।

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30 APR AT 16:08

कुछ पलों की ख्वाहिश में
तमाम उम्र उन्हें दे आये...
वो तो जानते भी नहीं
बदले में उनका दिल हम ले आये...।

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27 APR AT 9:36

बड़े दोगले लोग देखे
दिल में जहर और आँखों में नफरत के रंग देखे
तो कभी जुबां पर मीठे शब्दों के ढंग देखे
वो सोचते थे...हम उनके इस रूप से अनजान है
मगर सच तो यह है
हमने वक्त के साथ उनके न जाने कितने सच देखे...।

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17 APR AT 22:55

हम किसी के हो सकते हैं
इस बात का अंदाज़ा छिपा नहीं है किसी से
फिर भी इजहार कर बैठे क्यों आज हमसे
कारण भी बताया है ...आज खुद से
कुछ दया और करूणा का भाव था उनको हमसे
उन्हें कौन समझाये...
इतने दरिद्र नहीं है हम खुदसे
इतनी दया और करूणा समेट न पायेंगे उनसे...

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17 APR AT 22:41

हूँ मायूस मगर कहूँ किसे
हर कोई अपने हिसाब से रिश्ते चाहता है हमसे
कोई हमसे तो पूछे???
हम क्या चाहते हैं उनसे...।

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17 APR AT 17:40

दर्द न होता तो शायराना अंदाज़ कहाँ से लाते हम
दर्द में जीकर ये ज़िन्दगी और भी आसान हो जायेगी
ये बात कहाँ से लाते हम...।

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17 APR AT 17:33

हर बार नये किरदार में
ढलने से पहले
मरे थे हम...
वो समझे ...बदल गये हैं हम...।

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17 APR AT 13:42

कुछ रिश्ते बिन बोले बिन बात के खतम हो जाते है
शायद उन रिश्तों का वक्त खतम हो चुका होता है...।

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11 APR AT 18:56

मोहब्बत की हर बार कुर्बानी क्या मुझसे ही दिलवाओगे
अभी ओर कितना मेरे दिल को माँजना अभी बाकी है
या मेरे खुदा !
इतना तो बतलाओगे...।

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11 APR AT 16:14

चलों आज मोहब्बत का हिसाब करते हैं
जिसने दी हमें मोहब्बत उसी के नाम करते हैं...।

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