Tanzeel Ahmad   (꧁۝༒♛0_innocent_boy_5♛༒۝꧂)
35 Followers · 33 Following

ta884979@gmail.com
Joined 7 June 2020


ta884979@gmail.com
Joined 7 June 2020
29 APR 2024 AT 5:43

کَہاں٘ مَیں٘ اُور٘ کَہاں٘ یَہ آبِ کُـوثَر سَے دُھلِـی خَلقَت٘🔥🔥
مِیـرَا٘ تُو دَم٘ گُھٹ رَہَا ہَے اِن٘ پَار٘سَاُؤں٘ مَیـں٘👁️👁️

-


5 OCT 2022 AT 11:04

आमाल किया बर्बाद किया कमजोरों को ताकत वालों ने

जब ज़ुल्म व सितम हद से गुजरें तशरीफ़ मुहम्मद (ﷺ) ले आएं

-


28 SEP 2022 AT 9:25

मुबारक तुझे आमना हो मुबारक
तेरे घर शहंशाह ए अबरार आने वाले हैं...
मुबारक हलीमा तुझे भी मुबारक
तेरे घर नबियों के सरदार आने वाले हैं...

-


14 SEP 2022 AT 13:27

"आलाहज़रत किसी एक ज़ात का नाम नहीं बल्कि वो एक ही वक़्त में एक नज़रिया था,अक़ीदा था,मसलक था,मशरब था,अंजुमन था,कांफ्रेंस था,लाइब्रेरी था,कुतुबखाना था,इल्मो हिक़मत का आफताब था,शरियतो तरीकत का माहताब था,मुफ़्ती था,मुदर्रिस था,मुफक्किर था,मुकर्रिर था,मुनाज़िर था,मुसन्निफ़ था,मुअल्लिफ था,मुफस्सिर था,मुहद्दिस था,माअकूली था,मनकूली था,अदीब था,खतीब था,फसीह था,बलीग था,फक़ीह था,वो ज़ाहिद नहीं बल्कि ज़ुहद था,वो आलिम नही बल्कि इल्म का मौजें मारता हुआ समंदर था "

-


5 SEP 2022 AT 10:19

👇

The world's best book -

Quraan Shareef

The world's best teacher -

Hazrat Mohammad Mustafa (ﷺ)


Happy Teacher's Day

-


8 AUG 2022 AT 23:26

हत्ता कि अजब फ़ौज थी फ़ौजे शहे अबरार
जिन लोगो का अब्बास दिलावर सा अलमदार..
हम शक्ल पैगम्बर सा जवां फौज का सालार
मुख़्तार वह मुख़्तार था जो खल्क का मुख़्तार..
ऐसा किसी सरदार ने लश्कर नहीं पाया
लश्कर ने भी इस तरह का अफ़सर नहीं पाया..
ज़ाहिर में गरचे थे रुफका शाह के कलील
पेशे खुदा मगर वह हकीकत में थे जलील.
जुरअत में बेनज़ीर शुजाअत में बे अदील
सर गर्म जान देने पे सब सूरते खलील..
फाकों में सब्र व शुक्र से दिल उनके सेर थे
जाबाज़ थे जरी थे मुजाहिद थे शेर थे..
आख़िर उन लोगों ने शब्बीर पे की जानें फिदा
शह की उल्फत में कितनों से हुए सर उनके जुदा..
ख़ून से अपनी जवां मर्दी के नक्शों को लिखा
अपने मजहब की हिमायत में यह ईसार किया..
उनमें हर एक ने शुजाअत व जवां मर्दी वह की
आज तक उसकी मिसाल एक भी देखी न सुनी..

-


8 AUG 2022 AT 23:11

आएं हैं अब मैदां में अली मुर्तजां के फूल
जहरा बतूल और चमने मुस्तफा के फूल..
उनकी वफा, सब्र व रजा हक़ पर सबात से
हर दम हैं ताज़ा गुलशने दीं में वफा के फूल..
हूरे जन्नत से आई मलक आएं फर्श से
लेकर खुदा की तरफ़ से सल्लेअला के फूल..
हुशियार अहले बैत की लाशों से ऐ जमीं
कुम्ला न जाएं यह है रसूले खुदा के फूल..

-


8 AUG 2022 AT 23:04

निकल कर लश्करें आदा से मारा हूर्र ने यह नारा
कि देखाें यूं निकलते हैं जहन्नम से खुदा वाले..
बहारों पर है आज आराइशें गुलज़ारे जन्नत की
सवारी आने वाली है शहीदाने मुहब्बत की..

-


8 AUG 2022 AT 22:54

सजदों से, नमाजों से, यह रफअत की सहर है
रोने की, तजल्लुस की, इबादत की सहर है..
हाए यह सहर रंज व मुसीबत की सहर है
आशूरे मुहर्रम है, शहादत की सहर है..
लुटने का, तबाही का, परेशानी का दिन है
औलादे पैगम्बर की यह कुर्बानी का दिन है..

-


5 AUG 2022 AT 7:45

अच्छे हैं या खराब हैं मौला अली के हैं
ज़र्रा हैं आफ़ताब हैं मौला अली के हैं..
तारीख़ ए क़ायनात उठा कर तो देखिए
जो लोग लाजवाब हैं मौला अली के हैं..
इस दर से उठ गए तो कहां चैन पाओगे
रह़मत के जितने बाब हैं मौला अली के हैं..
हर फूल अपनी-अपनी जगह खूब है मगर
हम इसलिए गुलाब हैं मौला अली के हैं..
कुछ और देखने की तमन्ना नहीं "तंजील"
आंखों में जितने ख्वाब हैं मौला अली के हैं..



-


Fetching Tanzeel Ahmad Quotes