हां पता है कि तुम्हारे बगैर थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन तुमको अपना ख्याल रखा होगा तेरे साथ न रहकर भी, तेरे साथ मेरा साथ होगा इस बात का ध्यान हमेशा रखान होगा कभी वक्त मिले तो सोचना होगा कुछ मजबूरी थी तभी जुदा होना होगा जितना तुम याद कर रहे होगे उसे ज्यादा हम याद कर रहे होगे
Mene kaha tha na ek din mujhe fark padha band ho jayega ab vo din aagya h ....... jao ab mene tumko aapne dil se aajad kar diya ..... tum aapna khayal rakhna......
लड़की अगर अपने प्यार को चुनती हैं तो चरित्रहीन कहलाती हैं अगर अपने पिता को चुनती है तो धोखेबाज कहलाती हैं वो एक लड़की है, समाज के बेड़ियों से बंधी हुई है हर problem मे उसे ही क्यो कोसा जाता है......
टॉम एंड जेरी जैसी दोस्ती हमारी भाई-बहन की जोड़ी हमारी रिश्ता ऐसा है जैसे रोटी सब्जी का होता है मेरी जिंदगी की राह में मेरा भाई है जो फरिश्ते के रूप में साथ रहता है चाहे जो मामला हो देता साथ हमेशा है जब जाते कॉलेज पढ़ने एक ही क्लास में मेरा रुतबा था अलग फिर भी क्लास में चर्चे हमारे दोस्ती के होते थे हमारी दोस्ती को देखकर कुछ लोग भुनते तो कुछ लोग जल के काले हो जाते थे एक दिन उठा क्लास में सवाल मेरे पर बिना सोचे उठ दिया जबाव सबको चुप हो गये वे लोग जो खुद को बनते थे बलवान बात बात पे चिढ़ाते तो बात बात परेशान करते हैं हमको और खुद ही मुंह फुलाकर बैठ जाते हैं आखरी में बस ये ही है कहना चाहे कितना बार हो जाओ नाराज चाहे कितना भी कर लूं तुमसे लड़ाई तुम से अच्छा नहीं हो सकता कोई भाई
Usse lag rha tha , main usse ignore kar rhi hu , par pata tha usse , ki mein toh chahti thi hamari dosti ko bachana, or isse dil mein, jo payr h usse chupana.....
उंगली पकड़कर चलना सिखाया , अपनी नींद बुलाकर मुझे चैन से सुलाया जेब खाली थी फिर भी मुस्कुराया जो मांगा वो सब कुछ लाकर दिलाया जिंदगी में जब भी कदम डगमगाए मेरे हाथ पकड़कर संभाल लिया मेरी रब से एक ही गुजारिश है जीवन भर खुश रहे मेरे पापा इतनी सी ख्वाहिश हमारी है ओ खुदा मुझे दे इतनी हिम्मत 1 दिन रख जाऊं सभी खुशियां उनके सिरहाने में जिन्होंने त्यागें अपने सारे सपने उनके सपने को पूरे कर जाऊंगा मैं
कभी-कभी छोटी सी छोटी बातो पे नज़र हो जाती हूं तो कभी बड़ी-बड़ी बातों पे मुस्करा लेती हूं कभी बिन मतलब के भी रो लेती हूं तो कभी सब कुछ सहकर भी मुस्कुरा लेती हूं बस ऐसी ही हूं मैं कभी बच्चों सी चंचल रहती हूं तो कभी बड़ों सी गंभीर बन जाती हूं