मोहब्बत में बैचेनी भी क्या अजीज़ चीज़ है....
हां शायद तभी🤔..यूं सजते संवारते मैने आज उस नूर को देखा,
सीधी सच्ची मोहब्बत में पड़े.. उस आशिक को देखा,
कुछ बेवजह मुस्कुराहट के उसके उस फितूर को देखा,
यूं तो बात कुछ भी न थी मुस्कुराने की गालिब,
हां आज उस आशिक की निगाहों में उसकी आशिकी को देखा।
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