कहता हैं, उसकी हथेली पर हैं, दुनिया उसकी ।
और उसने हथेली पर लिख रखा हैं, नाम मेरा ॥-
बस लिखता हूँ कुछ अल्फाज अपने ।।
उसने बस प्यार से एक बार चूमा था गाल मेरा ।
उसके होंठो - सा गुलाबी हो गया हैं चेहरा मेरा ॥-
उस ने हमसे तमाम उम्मीदें लगायी हुईं हैं,
और हमारी तमाम उम्मीदें लटकाई हुई हैं।
वो चाहता हैं बिना शर्तों के प्यार करे हम,
और खुद ने कई मजबूरियां बनायी हुई हैं॥-
किताबों के बोझ तले दबी वो लड़की ।
अपने मन ही मन रोज सिसकती है ॥
लोगों की उम्मीदें और सताती है उसे ।
वो अब ख़्वाब देखने से भी डरती है ॥
उसकी उम्र के बच्चे सो जाते हैं जब ।
सपने पूरे करने को वो जगती है ॥
वो सबकी उलझनें सुलझाना चाहती हैं ।
पर उसकी जिंदगी ही उलझ जाती है ॥
नहीं मतलब उसे सजने और संवरने से ।
वो एक हँसी से ही खूबसूरत लगती है ॥
उसका कभी वक़्त आएगा सजने का ।
ख़्वाबों में तो वो हर रोज सजती है ॥
एक प्यारी खूबसूरत मासूम लड़की ।
सपने पूरे करने के लिए जगती है ॥-
हम अपनी भावी पीढ़ी से गांव की मस्ती छीन नहीं सकते ।
हम तेरे शहर में रह तो सकते हैं, मगर बस नहीं सकते ॥-
कविताओं का गान नहीं, पायलो की झनकार सुन रहे हैं हम ।
एक राज को ग़र छोड़ दे तो सब की बकवास सुन रहे हैं हम ॥-
तुम अच्छे हों, हमने कब बुरा कहा तुम्हें ।
हम बुरे हैं, हमें अच्छे लोग पसन्द नहीं ॥-
अपनी पसन्द का कभी कुछ नहीं मिला मुझे तुम से भी नहीं।
परिवार वालो से, खुदा से, किसी से भी नहीं तुम से भी नहीं।
भीख मांगना और छीनना सीखा ही नहीं मैंने खुदा से भी नहीं।
जो मिला स्वीकृत हैं, शिकवा हैं ही नहीं मुझे खुद से भी नहीं।-
हम तो चाहते हैं, तु हमें देख कर शर्मिंदा हो ।
हम अपनी मुस्कान को यूं ही सम्भाले रखेंगे ।।-