उस ने हमसे तमाम उम्मीदें लगायी हुईं हैं, और हमारी तमाम उम्मीदें लटकाई हुई हैं। वो चाहता हैं बिना शर्तों के प्यार करे हम, और खुद ने कई मजबूरियां बनायी हुई हैं॥
अपनी पसन्द का कभी कुछ नहीं मिला मुझे तुम से भी नहीं। परिवार वालो से, खुदा से, किसी से भी नहीं तुम से भी नहीं। भीख मांगना और छीनना सीखा ही नहीं मैंने खुदा से भी नहीं। जो मिला स्वीकृत हैं, शिकवा हैं ही नहीं मुझे खुद से भी नहीं।