"जब मैं तुम्हारी उम्र की थी तब तक तो रसोई का सारा काम सीख चुकी थी और पूरा घर संभाल लिया था।
मां ने मेरी जली रोटी देखते हुए कहा....
पर तू.
जो तेरा मन करता है काम सीख और
अपना भविष्य संभाल.." - मां ने वो जली रोटी खाते हुए कहा ।
काश..!!
उनका मन भी
किसी ने कभी ऐसे ही पढ़ा होता ।।-
खुद से भी मिल न सको, इतने पास मत होना इश्क़ तो करना, मगर देवदास मत होना
देखना, चाहना, फिर माँगना, या खो देना ये सारे खेल हैं, इनमें उदास मत होना
जो भी तुम चाहो, फ़क़त चाहने से मिल जाए ख़ास तो होना, पर इतने भी ख़ास मत होना
किसी से मिल के नमक आदतों में घुल जाए
वस्ल को दौड़ती दरिया की प्यास मत होना
मेरा वजूद फिर एक बार बिखर जाएगा ज़रा सुकून से हूँ, आस-पास मत होना....!!🌚-
अगर खफा हैं वो तो रुठे हम भी यहां हैं...
अगर सही हैं वो तो गलत हम भी कहां हैं....
अगर तड़पते वो हैं तो सुकून हमें भी कहां है।।
अगर दूर वो हैं तो करीब हम भी कहां हैं...
अगर रातों को जागते वो हैं तो सोते हम भी कहां है..
अगर बेचैन वो हैं तो चैन हमें भी कहां है,
अगर उदास वो हैं है तो खुश हम भी कहां हैं...
अगर साथ वो हैं तो किसी की जरूरत ही कहां...?!✏️-
जो समझे मुझे..
हरपल मुझे ना समझाए.।।
हंस दे मेरे साथ,
मेरी गलतियां ना गिनवाए.।।
मिले बेवजह
मुझ पर हक ना जताये।।
मेरी बेबाक हंसी पर,
मुझे फर्ज का आइना ना दिखाए..।।
कोई तो हो ऐसा,
जिससे कहूं मैं अपनी हर बात।।
कोई तो हो ऐसा जो बिना किसी मतलब
दे दे मेरा साथ..।। 😔
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ख़ामोश है कलम लब भी थरथरा रहे हैं,
ये क्या हुआ बाग के सारे फूल मुरझा रहे हैं।
खुशहाल था शहर मेरा कल तलक ,
आज हाल ये है कि सांसें सांस लेने से
घबरा रहे हैं..।।✍️❤️-
सच छुपाते छुपाते
आंसू सूख चुके हैं।।
थक गए हैं इस दिखावे की हंसी से....
अब बस किसी हाथ का इंतजार है,
किसी खास के साथ का इंतजार है।
जो समझे मुझे, जो सुने मुझे,
जो गले लगा के रोने दे मुझे...
बहुत कमजोर हूं मैं....
अंदर से टुकड़ों में बिखर चुकी हूं मैं,
बस एक दिखावे की हंसी के पीछे लड़ रही हूं मैं,
अब थक रही हूं मैं....!!
"ये खुश दिखने की लड़ाई भी ना....
थका देती है"..।।❣️-
हम सब बन्दी हैं उन रिश्तों के...
जिन्हें चाहकर भी हम छोड़ नहीं पाते,
हम सब बंदी हैं उन यादों के...
जिन्हें चाहकर भी हम भुला नहीं पाते,
हम सब बंदी हैं उन लोगों के....
जिन्हें चाहकर भी हम नफरत नहीं कर पाते,
हम सब बंदी हैं उन गीतों के....
जिन्हें चाहकर भी हम सुनना नहीं छोड़ते,
हम सब बंदी हैं उन नंबरों के...!!
जिन्हें चाहकर भी हम मिटा नहीं सकते....
आखिरकार हम सब बंदी हैं उन जज्बातों के,
जिन्हें चाहकर भी हम हरा नहीं पाते...।। ✍️✨❣️-
मैंने तेरे बाद किसी के साथ
जुड़कर नहीं देखा...
मैंने तेरी राह तो देखी,
पर तूने मुड़ कर नहीं देखा..।।
❣️❣️-