आजकल का प्यार😂 ना कोई इज़्ज़त है ना आत्मसम्मान😐
2 दिन chatting करने के बाद इनको एक दूसरे की आवाज सुनने का मन हो जाता है🙄
Msg.. call...video call.... फिर live मिलन हो जाता है
छोटी छोटी बातों पर लड़ाई होती है क्योंकि अब बात करने के लिए कुछ बचा ही नहीं होता सब तो एक दूसरे को बता चुके है
धीरे धीरे बोर भी होते है मन जो भर जाता है
लड़कियों की आदत है उन्हें तारीखें बहोत याद रहती है और लड़कों को इसके लिए ताने सुनने पड़ते है
पहले यूँ अकेले मिलना उसके दोस्तों में भी जान पहचान हो जाना...क्यों?
क्योंकि भरोसा है थोड़े time से बात कर रहे हो?🙄
सोचो अगर इंसानियत नही होगी तो शायद सामने वाला आपकी इज़्ज़त की धज्जियाँ भी उड़ा सकता है
जब सारे शौक पूरे हो जाते है तो छोड़ दिया जाता है तुमसे बेहतर मिल जाता है जिससे वापस वही बातें शुरू से होती है
ये क्या है? प्यार है? जो आपके साथ होते हुवे भी आपका ना हो।
जिसे आपके होने या ना होने से फर्क ही ना पड़े ?
use and throw मानती हूं मैं इसे👍
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8 नवम्बर 2017 यहाँ पर शुरुआत
प्रेम
ऐसा प्रेम अब इस दुनियां में 1% है
ये प्रेम आपको कमरों में अकेले नही बुलाता ये आपको दूर खड़ा निहारेगा💕
ये दो आत्माओं में एक अंकुर है जो निःस्वार्थ फूटेगा और इसका असर सिर्फ दिल पर होगा❣️
ये प्रेम अंधा नहीं है ये तो आपको सही रास्ते ले जाएगा
क्योंकि इसमें पाना सब कुछ नहीं है बल्कि समर्पण है
किसी की भावनाओं को ठेस नहीं लगती क्योंकि मान सम्मान इसमें हर वक्त पहले रहता है
इसमें विश्वास है , परवाह है और परवाह ही बताती है प्रेम कितना है
आजादी है विचारों की और एक दूसरे को समझने की🤗
झूठे वादें नहीं करते क्योंकि ये निभाना जानते है
और जब बिछड़ना भी पड़े तो बदनामी नहीं करते अपने प्रेम की इज़्ज़त रखते है
शादी प्रेम की आखिरी मंजिल नहीं होती😐प्रेम अधूरा भी हो सकता होता है
इसमें झूठ नही है दिखावा नहीं है अहंकार नहीं है
ये तो साधारण लोगो की प्रीत है जो हर कोई निभा नही सकता 🙏
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मैं नहीं कहती सब लड़के एक जैसे है पर
मैं ये जरूर कहती हूँ सब एक जैसे नहीं है (line पर गौर करो 🙏)
क्यों बिना जाने इतना भरोसा किये जा रही हो?
जिस 2 दिन के इश्क में आज पागल हो रही हो और
उसके दोस्तों से भाभी सुनकर खुश हो रही हो ?
याद रखना एक दिन उतने ही ज्यादा लोगों में बेज़ज़ति होगी
क्योंकि आपसे पहले भी बहोत भाभियाँ आ चुकी है
एक दिन भाभी कहने वाले इन्ही लोगो से नजर झुकाकर निकलना पड़ेगा....
किस किस देवर को block करोगी बहनों?
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जिंदगी भर हम लोग फायदे नुकसान देखते रहते है
जबकि ये जीवन तो एक झूठ है
और मौत से बड़ा कोई सच नहीं होता है-
पहनावा हमेशा साधारण रखो लेकिन
मन में अच्छी सोच और चेहरे पर मुस्कान बड़ी रखो-
कुछ भी नहीं कर सकते हम लोग जब हमारे सामने कोई ऐसा दृश्य हो क्योंकि एक ही बात सिखाई गयी है
" ये उनके घर का निजी मामला है हमें नहीं जाना चाहिए कान आंखे बन्द रखो ..."
बता दूं सबको कि शरीर के घाव भरे जा सकते है पर मन के नहीं ....
बस अभी मैं इतना कहती हूँ कि
" खुद पर विश्वास रखो और बस इतना सा ही पढ़ लो जिससे जब कभी ऐसे हालात आ भी जाये तो
हिम्मत करके छोड़ देना उस नरक और अकेली रह लेना पर माँ बाप के पास कभी मत आना ...जबतक आपकी जिंदगी की किम्मत लोगो की बातों से ज्यादा ना हो जाये🙏.."
इतनी खुशी से एक दूसरे घर भेजते इसलिए कि लड़की को मार मार कर खत्म कर देना??
और जो वो विरोध करे तो " समाज क्या सोचेगा " कहकर चुप करवा देना??
कभी इनसे ऊपर उठो और एक बार वापस थप्पड़ मार कर दिखाओ बहनों🙏
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मानसिक हिंसा इससे ही शुरू होती है....
"कि बेटी अब हम डोली में भेज रहे है तुम अर्थी में आना " क्यों??
मतलब 4 लोग क्या कहेंगे ये झूठी शान किसी की जिंदगी से ज्यादा कैसे हो सकती है??
जिस घर में रही पली बढ़ी और जिन्होंने पैदा किया वो ये बात बोलते है तो आपको उस दर्द से मरने वाली लड़की पर रोना भी नहीं चाहिए 😡
औरत मारने पीटने या प्रताड़ित होने से इतनी नही मरती जितनी वो अकेलेपन से मर जाती है ,जब उसके अपने माँ बाप भाई साथ नहीं दें तो मर जाती है....
ये है मानसिक प्रताड़ना जिसके जाने अनजाने में वो सब लोग हिस्सेदार है जो इसको होता देखते है और मौन रहते है......मैं खुद हूँ क्योंकि मेने भी देखा है😐....-
सबसे ज्यादा दर्दनाक हिंसा है
पहले हम शारीरिक हिंसा बताते है
खासकर ये औरतों के लिए कितनी दर्द भरी है हम सब जानते है और औरत अनपढ़ है तो उसकी लाश के साथ हिंसा खत्म होगी ...
क्योंकि जिस व्यक्ति के साथ सपने देखती है वो उसके घाव खत्म नहीं होने दे रहा और माँ बाप की तो इज़्ज़त है इसलिए बेटी को घर ला नहीं सकते..... "***** लोग क्या कहेंगे"
दो तरीके और भी है कि या तो शादी से पहले ही लड़की को मार दो....
या फिर जिस लड़की को 20 साल अच्छा खिलाया पिलाया और लाखों रुपये लगाकर शादी करते हो, दहेज़ और गहने देते हो उसके साथ एक हौंसला भी दिया करो और एक लोहे का डंडा और कहो कि जब भी बेवज़ह कोई तुम पर हाथ उठाये तो एक बार इसे उठाना ताकि दुबारा किसी नपुसंक की हिम्मत ना ही हो....जब तक हम खुद की मदद नहीं करेंगे तब तक कोई दूसरा हमारी सहायता नहीं करेगा,
खुद के लिए खुद हिम्मत दिखाओ....-
मोहब्ब्त सच्ची हो तो वो रंगीन कागज के फूल से भी खुश हो जाएगी
वरना कितने ही गुलाब के बाग लगा कर देख लो-
मैं नादान हूँ दुनिया के इस दस्तूर से अनजान भी हूँ
मैं रिश्तों में formalities नहीं करती
शायद इसीलिए मेरी किसी से नहीं बनती😒
मैं झूठ तो नहीं बोलती पर मैं मुहँ पर जरूर बोलती हूँ
सब रिश्तें दिल से निभाती हूँ मैं दिखावा नहीं करती
शायद इसीलिये मेरी किसी से नहीं बनती🙁-