और कोई हम मैं इस कदर गुम हो जाता ..
कि खुदको ही ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता हैं...!!
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"Agra the city of taj"
"I'm a day dreAmer nd night thinker"
मुसाफिर ... read more
इस सफर मैं नींद एेसी खो गई हैं....
हम ना सोये रात थक कर सो गई हैं!-
जाने क्यों
अब कोई अच्छा नहीं लगता
ना ये बातें ....
ना लिखना ....
बस मौन होकर,
शुन्य सी मैं उस आसमाँ
को निहारा करु ,
पता नहीं जाने कौन
खींच रहा जाने किस दिशा में ,
इस धरती से उस आसमाँ के सफर पर....
मैं कौन हूँ .......
जोह शब्दो के स्पर्श से बचकर ,
कुछ तोह चाहती हूँ .....
शायद वोह सफेद पहाड़ों के बीच मे कोई साथ ..!-
तो आज वोह फिर नहीं आया,
जिसके इंतज़ार में तू गूमसुम यूँ हैं |
आज तो चाँदनी रात हैं ,
तू आज भी उदास क्यो हैं ?
किसी के छूने भर से रो पड़े,
तेरा हाल आज कुछ यूँ हैं,
आज तो चाँदनी की रात हैं,
तू आज भी उदास क्यो हैं ?
तमाम गुज़रते चेहरे उदास हैं,
या तेरी आँखे नम यूँ हैं |
आज तो चाँदनी की रात हैं,
तू आज भी उदास क्यो हैं ?
-Tanu Saxena-
वो महांग हीरा रहने दो ,
बस एक टुकड़ा बादल ला दो ....
तुम जब से गये ये सावन भी रुठे हैं
वापस आकर ज़रा इन्हें भी बरसा दो ,
उन हरी चूड़ियो की जगह पर .....
एक हरा भरा सा पौधा ला दो,
शहर में तो ग़मो का बाज़ार लगा हैं ,
तुम पहाड़ो से बस्ता भर सुकून ही ला दो .....
Tanu Saxena
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Meri neend ke badle, khwaab milega...?
Kuch kehna tha ,tumse jhwaab milega...?-
तुझे पूरा लिखूँ, तूझे आधा लिखूँ....
तुझे रातो में जाग कर लिखूँ....
या अपने सबेरो में लिखूँ...
मैं जब भी लिखूँ, बस इतना लिखूँ.....
तू सुने मुझे, तुझे हर बार अपना लिखूँ...!-
किसी इतवार खाली हो
तो आ जाना पुराने अड्डे पर,
दोस्तों को दिल के
शिखबे सुनाये बड़े,
दिन हो गये.......!-
मेरे दिल का हाल
खली पड़े उस
मकान सा है,
जिसमे शोर तो बहुत है
मगर तेरी पुरानी यादों के। !!-