Tanseer Khan   (रहमान)
1.6k Followers · 39 Following

read more
Joined 13 July 2019


read more
Joined 13 July 2019
29 AUG 2022 AT 11:34

2122 2122 212

हाथ क्या तुमने छुड़ाया गिर पड़ा
फिर उठा मैं लड़खड़ाया गिर पड़ा

-


28 AUG 2022 AT 9:34

ये मुलाकात हमसे ना होगी
चाय पर बात हमसे ना होगी

सामने बैठ कर मेरे हमदम
प्यार की बात हमसे ना होगी

इतने हाजिरजवाब हो तुम तो
बात पर बात हमसे ना होगी

झूठ बोले हम आएंगे यारा
ये गलत बात हमसे ना होगी

बात होती है ये गनीमत है
रोज़ भी बात हमसे ना होगी

नींद हमको सता रही इतना
फ़ोन पे बात हमसे ना होगी

धड़कनों की सदा सुनो "रहमान"
लब से हर बात हमसे ना होगी

-


26 AUG 2022 AT 23:27

फिर से सहरा में कोई फूल खिला
फिर से मौजों पे रवानी आई

धूप में फिर कोई बादल बरसा
प्यार की फिर से निशानी आई

हमने देखा कोई उसके जैसा
तब ये होठों पे कहानी आई

-


26 AUG 2022 AT 23:17

याद क्या उनकी सुहानी आई
लौटकर फिर से जवानी आई

-


25 AUG 2022 AT 9:19

साथ अब मेरे क्या नहीं होता
जिस्म बस ये फना नहीं होता

रात को उठ के बैठ जाते है
दर्द दिल से जुदा नहीं होता
क्या गुजरती है जान पर मेरी
ये किसी को पता नहीं होता

जिसका होना था हो गया हूं मैं
इश्क हर मर्तबा नहीं होता

हाँ,ये हालात बन गए ऐसे
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता

एक मुद्दत के बाद आए हो
कोई इतना खफ़ा नहीं होता

कबके दरिया में खो गए होते
साथ जो नाखुदा नहीं होता
तुम ना होते क़रीब गर मेरे
मोज़िजा ये ख़ुदा नहीं होता

याद "रहमान" तेरी आएगी
काश तुझसे मिला नहीं होता

-


17 AUG 2022 AT 9:51

उनसे कोई अब आगे आस नहीं
पास होकर भी मेरे पास नहीं

उनको कह दो कि अब चले जाए
उनका कोई यहाँ पे खास नहीं

हम भी ज़िंदा नजर तो आते है
जिस्म में धड़कनों का वास नहीं

जो ये कहते है वो न बदलेंगे
उनको शायद खुदा से आस नहीं

भीगकर इश्क़ में तेरे "रहमान"
आया कोई हमें भी रास नहीं

-


24 JUL 2022 AT 9:41

आप बस बात से मुकर जाते
जीते जी हम तो यूँ ही मर जाते

चैन फिर भी कहीं नही मिलता
रूठकर चाहे हम जिधर जाते

तुझको पाकर सनम तेरी ख़ातिर
आग के दारिया से गुज़र जाते

बिन तेरे जीना, कोई जीना है
टूटकर शीशे सा बिखर जाते

कब तलक बचपना ये जाएगा
उम्र पचपन है अब सुधर जाते

जिंदगी मौत की अमानत है
इससे बचकर भला किधर जाते

आते जो बनके आइना 'रहमान'
हम भी दुल्हन सी फिर संवर जाते

-


18 JUL 2022 AT 9:05

वो मेरे साथ अग़र नहीं होती
इश्क़ क्या है ख़बर नहीं होती

हाल ए दिल कुछ मेरा भी ऐसा है
उसके बिन अब गुजर नहीं होती

देखता हूँ जिसे मुहब्बत से
उसकी मुझपे नज़र नही होती

बात करने को दिल तो करता है
बात उससे मग़र नहीं होती

कोई अख़बार बन गया हूँ मैं
मुझमें अच्छी ख़बर नहीं होती

बिन मशक्कत के कुछ भी हासिल हो
उसकी कोई क़दर नहीं होती

जाएगी कब ये बेदिली 'रहमान'
ज़ीस्त ऐसे बसर नहीं होती

-


21 JUN 2022 AT 18:29

चाँद जैसे मुखड़े पे कज़रारें नैना
हर कोई चाहें इन महलों में रहना

-


20 JUN 2022 AT 15:43

वो मालिक हैं ग़लती कर नहीं सकते।
तुम नौकर हो सब गलती तुम्हारी हैं।।

-


Fetching Tanseer Khan Quotes