सुनो..!!
मन है...
समुंदर है...
खामोशी का बवंडर है...
धोखो की बस्ती है...
हर बात पर अपनी एक हस्ती है...
हस्ती में धोखो का खंजर हैं...
दर्द का भी मंजर है...
दोस्ती में मिला उस तमाचे का एहसास भी है...
जो हो चुका खंडहर है...
अब तो दिल दोस्ती में बंजर है...
ना कोई रहबर है...
ख्वाब भी बेघर हैं...
खामोश रहो बेहतर है...
जो हुआ वह मुकद्दर है...
Tannu-
सोच रही हूं कि दिसंबर खत्म होने से पहले ही एक रिश्ता खत्म कर लूंगी, वजह तो बहुत है निभाने की लेकिन एक बात ना जाने जो बुरी लग गई, और बस दिल थाम लिया कि कुछ वादों को तोड़कर नए वादे किए जाएंगे, कुछ बंधनों को तोड़कर कुछ रिश्ते फिर से जोड़े जाएंगे खामियां बेशक उनमें भी होंगी, लेकिन तजुर्बा फिर से कुछ नया होगा, फिर वही गलतियां दोहरा आऊंगी, कुछ बेशर्म, बेहया, बेगैरत, मतलबी चेहरों से सच्ची दोस्ती निभाओगी, और कुछ दिन और कुछ चीजों और बंधनों को सजो कर रख लूंगी, क्योंकि काफी अद्भुत चीजें थी और हैं हमारे रिश्ते में, एक मुस्काता हुआ चेहरा और चेहरे को देखकर दूसरे चेहरे पर मुस्कान आना, अजीबोगरीब फरमाइशें, एक दूसरे पर रौब झाड़ना, एक दूसरे को जाहिर करना अपना प्यार और एक दूसरे को हर वक्त यह बताना की कोई दूसरा नहीं आ सकता, सबसे प्यारा रसमलाई सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे का साथ होने पर ही बैठकर तसल्ली से खाना, और यूं ही नहीं इस दिसंबर कि खत्म होने से पहले सारे हिसाब एक दूसरे की सहमति से होंगे, और अंत में दोस्ती की किताब को हम बैठकर पढेंगे, हां उसी तरह जिस तरह 3 साल पहले पढ़ी थी, फिर इंतजार रहेगा, एक नई शुरुआत का, एक नए दिन का, एक नई दोस्त का जिसको दिसंबर के आखिरी में छोड़कर आए थे, लेकिन जनवरी में नए साल में, नए महीने में नए दिन में, और एक नई शाम, एक नए दोस्त से मुलाकात होगी....
💕-
कुछ आए हैं कुछ आएंगे और कुछ जाएंगे, जो ठहर जाएंगे वही दोस्त हो तुम... ❤️
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दोस्ती के बारे में कुछ भी लिखने पर तुम्हारा नाम आना तय है मेरे दोस्त...🖤❤️
Ashiya khan
🅗🅞🅝🅔🅨-
अकेलापन का सुकून ही बहुत है खुद ही रूठ जाना खुद ही मान जाना, खुद ही नाराजगी से लड़ जाना,
खुद ही चुपचाप सारी उन उलझनों को रात में बैठकर एक एक धागे की तरह सुलझाना, और ना सुलझाने पर खुद ही परेशान होना हो जाना लेकिन बिना खुद को छोड़े हुए हर चीज से लड़ जाना यही अकेलेपन का सुकून ही बहुत है,
🦋🖤🖤-
अनबन...
कुछ इन चार शब्दों से शुरू हुई...
एक दूसरे से अनबन होने की लड़ाई...
धीरे-धीरे ना जाने कब एक दूसरे को खटकने लगे हम...
और हमारी दोस्ती कुछ इस तरह से आकर रुकी है...
जैसे यहां से जाता हुआ मौसम कहीं और लौट रहा है...
नई परछाई में नई सूरत में दोस्तों का किरदार बदल रहा है...
नई ख्वाहिश में पुरानी ख्वाहिश को दरकिनार किया जा रहा है...
और अगर कहीं कुछ बातें तो, मौन होकर चुप्पी साधे बैठ जाते हैं...
और अपने घमंड की तस्वीर ना दिखे, फरेबी का पता ना चले...
सिर्फ इसलिए हर बात को टालमटोल कर दिया जाता है...
अरे दोस्त छोड़ो...
तुम्हारे कुछ कहने से पहले ही तुम्हारी 100 गलतियां इनको नजर आ जाती हैं...
और नई की ख्वाहिश में कुछ अधूरी बातें अधूरी रह जाती है... :)
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बड़ा कीमती सा निकला...
तुम्हारा यह दोस्ती का हाथ...
खाली सा लगता था जो...
अब लगता है थामा हुआ सा...
पथरीले रास्तों पर लड़खड़ाने से पहले...
थाम लेता है तुम्हारा यह दोस्ती का हाथ...
खाई में गिरते हुए जैसे बचाता है कोई...
वैसे लगता है कभी कभी तुम्हारा साथ...
और सारी बातों को सिर्फ तुम्हें बताना है...
और चाहे मेरी दुनिया में कितने भी लोग हो
लेकिन हर कहानी का सार तुम्हें ही सुनाना है...
🅗🅞🅝🅔🅨-
शायद अब हमारी बातें ना हो...
शायद मैं तुम्हें भूल जाऊं...
इस भूलने के पीछे का राज ये हैं...
अब तुम कुछ ज्यादा याद आते हो...
शायद इसीलिए मैं तुमसे बातें ही ना करूं...
क्योंकि तुम्हारी तकलीफ मुझसे देखी नहीं जाती...
हर चीज में मुझे जोड़ ना अब मुझे बर्दाश्त नहीं होता...
शायद तुम भी यही चाहते हो लेकिन बोलते नहीं हो...
और कहते हैं ना बिना बोले जो समझ ले वह सच्चा यार है...
तो बस जो तुम्हारे मन में चल रहा था....
वह मैंने पूरा कर दिया...
जाओ जी लो तुम अपने जिंदगी कि वह हसीन पल...
जो तुम मेरे पीछे बर्बाद करते हो....
और अब इसमें कोई शिकवा नहीं होगा...
कि तुमने समय की कद्र नहीं की...
बस एक मुस्कुराहट के साथ तुम्हें छोड़ दिया...
कि जाओ जी लो उन पलों को जो मेरे ले छोड़ कर आते हो तुम...!!!! 💗-
कुछ तो है जो खो गया है...
कुछ तो है जो पास नहीं है...
कुछ तो है जो दिल ढूंढ रहा है...
कुछ तो है जिसके लिए बेचैनी है...
कुछ तो है जो सोने नहीं दे रहा है...
कुछ तो है जो उलझन में डाले हैं...
कुछ नहीं, बहुत कुछ है...
एक नाम...
जो तुम्हारे साथ ना होने पर कुछ नहीं है...
जिसकी बेचैनी तुम हो...
जिसकी उलझन तुम हो...
वह कुछ सिर्फ तुम हो...-
Sometimes you just need to be
alone, that's okay. It doesn't mean
anything's wrong with you, or
even that anything's wrong in
your life. Sometimes you need to
create the space to soul search,
recover, think, rest and just BE.
You don't have to apologize for
needing or taking this space, it's
part of what makes you a happy,
healthy person.
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