दूर हमसे हैं अपने ही साए
दिल भला तुमको कैसे भुलाए-
उस मासूम लड़के को कोई तकलीफ न देना,
बिन माँ का लड़का हैं दुःख किससे साझा करेगा।-
आँखे खुली है ख़्वाब इक सुनहरा दिखाई दे।
आँसुओं की सींच से ख़्वाब का अंकुर उगता दिखाई दे।-
सावन का इंतजार मुझें भी रहता है,
वो उन दिनों हरी बिंदी लगाया करती है।-
बढ़ी दिल के रिश्तों में जब खाइयां है,
लगी दूर अपनी ही परछाईया है।
बताएं भला किसको पहचान उसकी,
अगर नाम भी ले तो कठिनाईया है।-
खुदा ही जाने वो भला क्या चाहता है,
बुरा करता है मेरा पर भला चाहता है।-
ये जो मुश्किल वक़्त है,
आखिर गुजर क्यूँ नही जाता?
इतनी ठोकरे देता है ये शहर तुमको
आखिर तू अपने गाँव क्यूँ नही जाता?-
दर्द नही होता मुझे लेकिन,
दिल तकलीफ में होता है।
लोग दूर जाते है मुझसे,
फिर भी मुझे सुकून होता है।
Vitiligo दाग़ है मेरी खूबसूरती पर,
फिर भी मुझे खूबसूरत महसूस होता है।
सबकी तरह नही पहन सकती मैं,
फिर भी जो पहनती हूँ बड़ा खूब होता है।
लोगो से न छुपाती मैं,
फिर भी दिल मजबूर होता है।
वो माँ रोती है हर रोज मेरे लिये,
देख मुझे तब बहुत ज्यादा तकलीफ होता है।
अब उसे कौन बताये ये,
सिर्फ 1% लोगो में ही होता है।
भगवान ने इसके लिये चुना मुझे ,
उनको भी पता है इसके सिवा कोई कम ही मजबूत होता है।
मैं तो समझती हूँ खुद को नायाब ,
क्योकि हुस्न-ऐ-चाँद में भी धब्बा जरूर होता है।-