कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीं तो कहीं आसमाँ नहीं मिलता।..-
Upsc aspirant ,being IAS,
Nature ... read more
वक्त को जिसने नहीं समझा उसे मिटना पड़ा है बच गया तलवार से तो फूल से कटना पड़ा है
-
खेल मालिक का है और कुछ भी नहीं
साथ लाये थे क्या साथ जायेगा क्या
कुछ भी नहीं कुछ भी नहीं...
चाहतें ना मिटीं ज़िंदगी मिट चली
पाया बहुत पर सुकूँ कुछ नहीं
चाह अब है यही चाहतें सब मिटें
चाह तेरी रहे और कुछ भी नहीं...।।-
ईर्ष्या का काम जलाना है मगर सबसे पहले वह उसी को जलाती है जिसके हृदय में उसका जन्म होता है।।।।
-
धीरे धीरे कदम बढ़ाओ,
बस चलते जाओ,
माना की आती है मुस्किले बहुत,
लेकिन अपने सफर में चलते जाओ,
अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाओ,
उसने क्या सोचा ,इसने क्या बोला से
उपर उठकर अपनी मंजिल पर ध्यान लगाओ,
बस चलते जाओ बढ़ते जाओ-
कितना मुश्किल होता है...
भरे हुए मन से...अपना खालीपन लिखना..!!-
जब कोई बहुत बोलने वाला व्यक्ति ,अचानक से चुप रहने लगे
तो उससे ,चुप्पी की वजह पूछने की जगह ,
उसके पास बैठ कर हाथ पकड़कर कुछ समय साथ बैठ जाना ,
खुद सब पता चल जायेगा 😄-
जो चाहा वो मिल जाना सफलता है
जो मिला उससे प्रेम करना प्रसन्नता है..-
हम बहुत दूर निकल आए हैं चलते चलते अब ठहर जाएँ कहीं शाम के ढलते ढलते..!
टूटी दीवार का साया भी बहुत होता है पाँव जल जाएँ अगर धूप में चलते चलते..!-
बुरे के लिए बुरा बनने की ज़रूरत नहीं होती, सिर्फ़ उनसे दूरी बनाने की ज़रूरत होती है ।।
-