नाना नानी के बिना, कोई ननिहाल न होता है । दादा दादी के बिना ,कोई ददिहाल न होता है ।माँ पिता के बाद ,कम ही ऐसे रिश्ते हैं , जिन में कोई दिखावा न होता है ।
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कई बार इंसान उस कठपुतली की तरह होता है , जिसको ये तक पता न होता है ,उसकी डोर किस के हाथों में है ।
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माँ और पिता की ज़रूरत ,हर उम्र में होती है । जब तक वो होते हैं ,हम अपने बचपन में ही होते हैं ।
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जो आपकी क़द्र कर पाएँ , आपको हमेशा आगे बढ़ाये, , वो रिश्ते ज़रूरी नहीं कि वो खून के रिश्ते हों । जो आपकी कद्र न कर पाएँ , वो रिश्ते अगर पहचान जायें तो हमेशा से उन से दूर हों ।
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जिस घर में माता पिता या बड़ों का सम्मान न हो , वहाँ कितनी भी अच्छी बात हो , भगवान कभी साथ न देते हैं ।
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कोई दिन ज़िंदगी का इतना ख़ास होता है ,कि ,ग़म में उसी दिन को याद कर कर ख़ुशी मिल जाती है । कोई दिन ज़िंदगी में इतना ग़म से भरा होता है ,कि ,दुनिया की हर ख़ुशी बेकार लगती है ।
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जन्म दिन की शुभकामनाएँ देते हुए , ये कहना है ,कि आप हमेशा आगे बढ़ें ,सारे जहां की ख़ुशियाँ आपको मिलें। कोई भी ग़म की परछाइयाँ आपके आस पास से भूले से भी कभी न निकलें।
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आज मुझे ये सुन अच्छा लगा कि ,इस जमाने में भी ,कुछ घर आज भी ,एक दूसरे के धर्म के त्योहार मिल जुल के मनाते हैं । आज मुझे ये सुन अच्छा लगा कि ,आज भी कुछ बच्चे घर घर के खेल खेलते हैं ।आज मुझे ये सुन अच्छा लगा कि ,घर में मोबाइल खेल आते हुए भी ,बच्चे मिल जुल कर बाहर के खेल ,खेल कर , अपना बचपन , बचपन की तरह बिता रहे हैं ।
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कुछ लोग सामने से वार करते हैं , कुछ पीठ पीछे से । मेरा मान ना है कि सामने से वार करने वालों की बजाय , पीठ के पीछे से वार करने वाले ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं ।
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जो पढ़ना न चाहते है, उनको क़िस्मत पढ़ने का मौक़ा देती है । जो पढ़ना चाहते है , उनको क़िस्मत मौक़ा ही, न देती है ।
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