Tamiksha Ahuja   (Tamiksha Ahuja)
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Joined 7 October 2019


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16 FEB AT 18:39

Everything to me.

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16 FEB AT 18:35

उमीदे सजा दी मैंने,
वक़्त बीतता रहा,
मोहबत दिल में दफ़ना दी मैंने।

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16 FEB AT 18:35

उमीदे सजा दी मैंने,
वक़्त बीतता रहा,
मोहबत दिल में दफ़ना दी मैंने।

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8 APR 2022 AT 19:22

कुछ सपने बिखर गए थे मेरी आँखों के सामने,
उस दिन पहली बार मैंने अपनी किस्मत को कोसा था।

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30 JAN 2022 AT 7:42

आज का इश्क़ कागज़ का सबूत मांगता है,
अब अपने हमदर्द कीआँखों में नही यकीन रखता।— % &

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26 JAN 2022 AT 18:54

तुमसे ज्यादा अपना मुझे कोई लगा ही नही,
वरना मुलाकात तो हज़रो से हुआ करती थी।

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26 JAN 2022 AT 18:43

कुछ खुशिया मेरी भी जुड़ी है तुमसे,
तुम देखो न चेहरे पर अपने कभी उदासी लाना।
मुझे पता है बेहद चाहने वाले है तुम्हारे,
पर अपने हिस्से में से थोड़ा प्यार कुछ मेरे लिए भी तुम बचाना।
समझती हूं मैं, की आदत नही तुम्हें किसी से कुछ पूछने की,
पर जब दर्द बाटने का मन करे, तुम बेफिक्र होकर मुझे अपने गले से लगाना।
यू तो किसी को दिया जहान भी कम लगे इश्क़ मे,
तुम मुझे होसके तो बस अपनी मुस्कुराहट तोहफ़े में दिए जाना।
महलों के सपने नही है मेरे, नाही पैसों का मोह।
दो निवाले रोटी के बस रोज़ वक़्त निकाल तुम मुझे अपने हाथों से खीलाना।

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25 JAN 2022 AT 16:11

अपना हाल-ए-दिल तुम उसे बताती भी तो कैसे? "माही"
उसके लिए तो शायद तुम पूरी मुकम्मल हो।

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25 JAN 2022 AT 16:03

सपने बिखर रहे थे मेरे मेरी आँखों के सामने,
हर दिन ज़रूरतों का बोझ मुझे मारे जारा था।

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19 JAN 2022 AT 14:08

एक शख्स कितना खास बनगया तुम्हारे लिए 'माही',
की आगोश में उसके तुमने अपनी दुनिया सजा ली।

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