Tamanna (Desire) 77   (अल्फ़ाज़-ए-एहसास)
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I write what I feel is right ❣️
Joined 14 October 2020


I write what I feel is right ❣️
Joined 14 October 2020
2 JAN 2021 AT 16:40

भीगते हैं जिस तरह से तेरे यादों में डूब कर ,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी।

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24 DEC 2020 AT 10:51

इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए ,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए।

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5 DEC 2020 AT 10:38

चलती हुई "कहानियों" के जवाब तो बहुत हैं मेरे पास...

लेकिन खत्म हुए "किस्सों" के लिए खामोशी ही बेहतर है...!!

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29 NOV 2020 AT 20:37

दिखाई कम दिया करते हैं, बुनियाद के पत्थर...

ज़मीं में जो दब गये, इमारत उन्हीं पे क़ायम है..

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28 NOV 2020 AT 17:00

"ओढ़ कर पल्लू वो आज निकले है घर से,
मैंने पहली दफ़ा देखा है धूप में चाँद जलते हुए " !!

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27 NOV 2020 AT 16:47

गजब है मेरे दिल मे तेरा वजूद ..
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मैं खुद से दूर , तू मुझ में मौजूद ...!!

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24 NOV 2020 AT 19:03

रोज एक ताज़ा शेर कहां तक लिखूं तेरे लिए..!!
तुझमें तो रोज ही ..
एक नयी बात हुआ करती है..!!

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23 NOV 2020 AT 11:50

तुम्हें लिखा है लम्हा लम्हा अपनी तहरीरो में,
मेरी दास्तां _ए _इश्क में तुम्हें जमाना पढ़ेगा !

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18 NOV 2020 AT 21:48

कमज़ोरियाँ कहाँ पता थी ज़माने को मेरी,
मगर-
लगातार शिकस्तें इशारा कर रहीं हैं कि अपना ही कोई यार अख़बार बना बैठा है।

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17 NOV 2020 AT 8:50

जाने वो कौन तेरा हबीब होगा, जिसके हाथों में तेरा नसीब होगा,
कोई तुझे चाहे ये बड़ी बात नहीं, तू जिसे चाहे वो खुशनसीब होगा।

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