Talat Arooz   (Arooz)
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Joined 7 November 2019


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Joined 7 November 2019
31 JAN 2022 AT 15:27

इस्लाम में दिखावे की कोई गुंजाइश नहीं है अल्लाह महज़ आपकी नीयत देखता है,Ibrahim(AS) अपने बेटे को क़ुर्बान करने के लिए राज़ी हो गए सिर्फ़ अल्लाह की मोहब्बत में,और अल्लाह ने उनके बेटे की क़ुर्बानी की जगह पर दुम्बा भेज दिया,ये वाक़या हमें कितनी बड़ी सीख देता है,पर क्या हम हर रोज़ मुस्कुराते हुए अपनी ज़िन्दगी गुज़ारते हैं?क्या हम ये अपने दिल से कहते हैं अल्लाह तेरी तरफ़ से जो आए सब क़ुबूल है,तू जो करे सब सही है तेरे हर फ़ैसलों पर मैं राज़ी हूँ मुझे इस दुनिया में अगर कुछ चाहिए तो वो तू है तेरे सिवा कुछ नहीं चाहिए,क्या हम कभी उन रिश्तों की क़द्र करते हैं जो अल्लाह ने हमें दिए?क्या हम कभी अल्लाह से कुछ माँगते हैं तो उस चीज़ या इंसान के लिए हमारी मेहनत और नीयत में कोई कोताही नहीं रहती है?हम में से कितने लोग हैं जो अपनों को एहसास दिलातें हैं हर रोज़ की वो हमारे ज़िन्दगी में अल्लाह की रहमत हैं,जो किसी अपने के गुस्सा करने पर भी उनसे नाराज़ नहीं होते,क्या हमजाने अनजाने उस इंसान को तकलीफ़ नहीं देते जो हमसे मोहब्बत करे और उस इंसान से मोहब्बत नहीं करते जो हमें तकलीफ़ दे?ये सारी चीज़ें सुन्नत है पर इसपे कोई अमल नहीं करता,सब एक दूसरे को कोसते हैं और ज़िन्दगी से परेशान रहते हैं और इन चीज़ों पर अगर अमल किया जाए तो ज़िन्दगी सुकून से भर जाएगी।।— % &

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29 JAN 2022 AT 4:22

हाँ ये बिल्कुल सच है की अब दोस्त नहीं है,अब ज़िम्मेदारियाँ बेशुमार हैं,अब पाँव थक भी जाएं तो भी चलना है,अब वक़्त सख़्त है पर यही वो वक़्त है जहाँ मैंने ख़ुद को पाया,कभी कभी आप अपनों के लिए सब कुछ कर लें कम पड़ता है,पर कभी कभी हम जैसे लोग जो किसी से कुछ माँगते नहीं किसी का साथ मतलब के लिए नहीं चाहते उनको इस बात का एहसास होता है की वो ज़िन्दगी के वो कुछ लोग जिनसे इंसान मोहब्बत करता है वही लोग सबसे ज़्यादा आज़माते हैं,मैं ये नहीं कहती की मैं किसी की उलझन ख़त्म कर दूँगी, किसी के उन ख्यालों से छुटकारा दिला दूँगी जो उन्हें परेशान करते हैं या किसी के साथ साये की तरह रहूँगी क्योंकि ये काम दुनिया का कोई भी इंसान नहीं कर सकता किसी के लिए अपनी mental health पर ख़ुद काम करना होता है इंसान को, पर मैं इतना ज़रूर कहती हूँ की मुझे हर एक दर्द का एहसास होता है चाहे वो किसी का भी हो,हर एक ख़ुशी ग़म में मेरी दुआ सबके लिए रहती है और हर एक मुश्किल वक़्त में मैं हाथ थाम सकती हूँ अगर कोई अपना समझता है मुझे तो हर एक आँसू को मैं पोछ सकती हूँ,हर एक ग़म में बराबर खड़ी रह सकती हूँ, पर कभी कभी इंसान कुछ नहीं कहता ख़ामोश हो जाता है ख़ास कर जब अल्लाह ने उसको मोहब्बत करने वाला बनाया हो,और अल्लाह के सिवा उस इंसान को कोई नहीं जानता हो पर बात यही आती है की अल्लाह को सब पता है और मुझे लगता है ये इंसान के लिए काफ़ी है।।— % &

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23 JAN 2022 AT 22:42

तलबगार भी हूँ और फ़ानी भी हूँ
मिस्ल-ए-बर्क़ सी हूँ मैं कोई अनसुनी कहानी सी हूँ

ये ज़िन्दगी है जान ए ग़ज़ल सी
ये आज को यूँ आवाज़ लगाती है जैसे परवाह नहीं करती कल की।।



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23 JAN 2022 AT 15:29

यक़ीन तुमको ना पर आगे आयी मैं यक़ीन से

गाड़ दो मैं बीज हूँ पेड़ बन ही जाऊँगी

उजाले मिलने में मुझे हाँ रात का ही साथ था

कलाकार मैं कल को आकार दूँ यही है मेरा धर्म मेरी दूसरी कोई ज़ात ना

#Gully Boy

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23 JAN 2022 AT 8:43

कुछ लोग हैं जिनको देने के लिए मेरे पास सिर्फ़ प्यार है,उन लोगों की नाराज़गी, उनकी शिकायतें,उनकी कड़वाहतें ये सब बेमतलब सी लगती हैं ,कुछ लोग हैं जो मेरा ही हिस्सा हैं,उनलोगों को देने के लिए मेरे पास इश्क़ के सिवा कुछ नहीं।।

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22 JAN 2022 AT 16:32

आज आसमाँ मुस्कुराते हुए अपनी कुछ बूंदें ज़मीं पर गिरा रहा है

ज़मी एक अरसे से मुन्तज़िर थी इस लम्हे की तभी तो आसमाँ की हर बूंद का वजूद ज़मी में घुलता से नज़र आ रहा है

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20 JAN 2022 AT 13:06

ज़िन्दगी में बहुत से किस्से ऐसे भी होते हैं जिन्हें इंसान कभी नहीं भूलता पर वक़्त के साथ उनका असर होना बंद हो जाता है
बिल्कुल उस घाव की तरह जिसका महज़ निशान रह जाता है और उससे मिली दर्द वक़्त के साथ ख़त्म हो जाती है।।

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15 JAN 2022 AT 11:46

ज़िन्दगी को समझना जैसे किसी पहले से लिखी हुई लिखावट पर दोबारा से क़लम चलाना,
याद रहे ज़रा सी चूक से लिखावट बिगड़ जाती है,उसी तरह किसी भी परिस्थिति को समझे बिना ज़िन्दगी जीने से ज़िन्दगी की समझ बिगड़ जाती है।।

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10 JAN 2022 AT 6:23

90% लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं की दूसरों से सब कुछ लें और दूसरों के लिए कुछ भी ना करें, हर जगह सिर्फ़ अपना फ़ायदा देखें और काम निकल जाने पर पलट जाएँ, ऐसे व्यक्ति अपने ही बनाये मायाजाल में फसें रह जाते हैं,याद रखें खुरगर्ज़ी से आप दौलत जमा कर सकतें हैं,मनचाही ज़िन्दगी भी जी सकते हैं पर सुकून नहीं पा सकते हैं और मेरी नज़र में ऐसे लोग प्लास्टिक की बोतल के समान हैं जो एक बार पिचक गयी तो, उसमें कितना भी पानी भर लो खाली ही रहती है,मेरे लिए ऐसे व्यक्ति दया का पात्र हैं जो कहीं के नहीं होते।।

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8 JAN 2022 AT 7:29

किसी के दिल से निकली बात को लफ़्ज़ों का सहारा मिलता है
महज़ कुछ पन्ने पढ़ कर हमें ज़िन्दगी को समझने का इशारा मिलता है।।

#Literatue❤️

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