दोस्तो कहां हो तुम
आओ फिर से एक
कहानी लिखनी है।
कहानी में जिंदगी
पुरानी लिखनी है।
भूल गए है हम जो
किरदार बचपन में चुने थे
बची ज़िंदगी उन किरदारों
के समान ही लिखनी है।
समय बदल रहा है
तुम्हारे नाम ये जवानी
लिखनी है।
कहां हो दोस्तो एक
कहानी लिखनी है।
-
❣️_राहें ऐसीं जिनकी मंजिल हि नहीं_❣️
ढु... read more
बीत गए कई दिन रात महीने साल
लेकिन महबूब मिलने ना आया..
फ़ना किया था जिस पर सब कुछ ..
वो कहता हैं की हमें इश्क़ ना आया .-
पैसाअडका या हीं पेक्षा,फक्त आनंद हेच ध्येय असावे
जगणे आता उत्सव व्हावे,क्षण क्षण हे भरभरून जगावे,
पैसाअडका या हीं पेक्षा,फक्त आनंद हेच ध्येय असावे,
तो रुसला का ? ती फुगली का ?तिथल्या तिथेच सोडून द्यावे,
सॉरीची ती कुबडी घेऊन,नात्याला त्या उचलून घ्यावे,
कुणी वागला कसे जरीही,देवाला न्यायाधीश करावे,
सोडून दयावे दुखरे क्षण अन्,
जगणे हे आनंदी करावे
सुखाचे चार क्षण जगावे!
-
एक भरोसा है मुझे अपने आप पर,
और भरोसा नहीं है मुझे किसी शख्स पर,,
मुझे अपनी बरबाद तमन्ना का भी कोई एहसास नहीं है,
इतनी कमज़ोर नहीं में जो प्यार, इज़हार का घूंट पी लू,,
और ये भी नहीं है कि मुझे प्यास नहीं है,,
-
ये चाँद मुझे अलग नज़र आ रहा है
कोई खास बात है क्या।
ऐसे क्यु शर्मा रहा है
कोई पास है क्या
काली घटा भी छा रही है
कोई मुलाकात है क्या
और रहता है हमेशा यू ही खुशनुमा
नयी नयी इश्क़ की शुरुवात है क्या!-
यूं कभी खाली पन्नों में,
ढूंढता हूं शब्द कोई
के कुछ भटके से ही सही, पकड़ में आ जाएं
कुछ मन की जीवन की,
सच्ची झूठी सुना जाएं
और छोटी मोटी बातों की सुन्दर सी अभिव्यक्ति कर जाएं-
सारी जिंदगी बस मर मर कर जी रहा हु,
ये केसा दर्द पल पल महसूस कर रहा हु,
बोलने भी दो खुलकर हमे कोई,
काफी दिनों से गुम-सुम हो कर जी रहा हु।
-
दिल की कश्मकश ने मुझे ऐसे बदल दिया की,
अब खुद को खुश बस पुरानी तस्वीरों में पाया!
-
Ishq me aur Risk Me
Jitna soch samaj ke kadam badhaoge
Bad me Utna hi Kam pachtaoge
-
ख़ुशी मिले या ग़म सहना पड़ता है
ख़ुदा जिस हाल में रखे रहना पड़ता है
ज़िन्दगी को दरिया के पानी की तरह
वक़्त के बहाव के साथ बहना पड़ता है
दिल के समन्दर में जब लहरे-ग़म उठने लगे
तो आंसुओं को आंख से बहना पड़ता है
चाहे कितनी भी बुलन्द इमारत हो
जब मियाद आ जाती है ढ़हना पड़ता है
बादशाह या कलन्दर हों सबको इक दिन
इस दुनिया को अलविदा कहना पड़ता है
-