2 DEC 2024 AT 23:26
"याद है"
उसका सजना सँवरना मुझे याद है,
मेहँदी का रंग उसके हाथों का कंगन याद है
कानों के झुमके उसका वो माँग टीका याद है,
सुर्ख होठों पर उसके जँचती वो मुस्कराहट याद है
कलाइयों की चूड़ियाँ पैरों की उसकी वो पाज़ेब याद है,
नाक की नथ उसके बंधी जुल्फों की वो एक लट याद है
माथे की वो छोटी बिंदी उसकी सादगी याद है,
चंचलता मन की सारी उसकी शरारतें याद है
चीनी सी घुल जाए बातें उसका वो गुस्सा याद है,
मुस्कराहट लिए जो फिरती उसके आँखों के आँसू याद है
राधा का रूप लिए ,मन में वास करती वो "पागल"
सादगी पसंद लड़की ,उसका सजना सँवरना मुझे आज भी याद है,
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12 DEC 2024 AT 21:00