तुम साथ चलो मैं चलता रहूंगा,
कदम से कदम तुम्हारे मैं रखता रहूंगा,
मेरे सच और आज के संग जो तुम ठहर सको
तुम्हारे होठों की मुस्कराहट मैं बनकर रहूंगा,
चांद सितारे, हीरे मोती महंगे जेवर न दिलाऊंगा,
तुम जो कर सको श्रृंगार सादगी का ,
कदम से कदम चल साथ तुम्हारे मैं तुम्हे संभालूंगा।
रिश्ता इतना अटूट कर सको जो,
कि अपने गम को मेरा ,मेरे गम को अपना
तुम्हारी मन की हर उलझन मिटाऊंगा,
तुम्हारे सपनो को मैं खुद अपना समझ जीना चाहूंगा।
मेरे आज को जो तुम अपना कह सको,
भविष्य का नही वर्तमान में संग रह सको,
गम के अंधियारे में भी उजियारा सा लाऊंगा ,
मैं तुम्हारा साथ कुछ इस कदर निभाऊंगा।।
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