Prashant Badal   (लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍)
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Joined 30 December 2017


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17 JAN AT 22:19

खुली जुल्फें उसकी जैसे हो काला घना छाया,
मैं उसमें खो जाऊं मानो किसी वन की हो वो माया
#love

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16 JAN AT 22:59

तुम्हारे दीदार की ख्वाहिश कुछ ऐसी है,
चाय की तलब लगी सीने में जैसी है।☕

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12 DEC 2024 AT 21:00

परीक्षाओं के परिणाम से हताश क्यों होना,
वक्त बेहतर जानता है काबिलियत तेरी।।
#𝔪_𝔯𝔴𝔯𝔦𝔱𝔢𝔯

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6 DEC 2024 AT 21:18

वो सूफ़ी सी लड़की पसंद आ गई,
मैं काफ़िर सा लड़का किधर जाऊँ अब।।

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2 DEC 2024 AT 23:26

"याद है"

उसका सजना सँवरना मुझे याद है,
मेहँदी का रंग उसके हाथों का कंगन याद है

कानों के झुमके उसका वो माँग टीका याद है,
सुर्ख होठों पर उसके जँचती वो मुस्कराहट याद है

कलाइयों की चूड़ियाँ पैरों की उसकी वो पाज़ेब याद है,
नाक की नथ उसके बंधी जुल्फों की वो एक लट याद है

माथे की वो छोटी बिंदी उसकी सादगी याद है,
चंचलता मन की सारी उसकी शरारतें याद है

चीनी सी घुल जाए बातें उसका वो गुस्सा याद है,
मुस्कराहट लिए जो फिरती उसके आँखों के आँसू याद है

राधा का रूप लिए ,मन में वास करती वो "पागल"
सादगी पसंद लड़की ,उसका सजना सँवरना मुझे आज भी याद है,

#𝕴𝕿𝕬𝖂𝕾

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2 DEC 2024 AT 23:23

"याद है"

उसका सजना सँवरना मुझे याद है,
मेहँदी का रंग उसके हाथों का कंगन याद है

कानों के झुमके उसका वो माँग टीका याद है,
सुर्ख होठों पर उसके जंंचती वो मुस्कराहट याद है

कलाइयों की चूड़ियाँ पैरों की उसकी वो पाज़ेब याद है,
नाक की नथ उसके बंधी जुल्फों की वो एक लट याद है

माथे की वो छोटी बिंदी उसकी सादगी याद है,
चंचलता मन की सारी उसकी शरारतें याद है

चीनी सी घुल जाए बातें उसका वो गुस्सा याद है,
मुस्कराहट लिए जो फिरती उसके आँखों के आँसू याद है

राधा का रूप लिए ,मन में वास करती वो "पागल"
सादगी पसंद लड़की ,उसका सजना सँवरना मुझे आज भी याद है,
#𝕴𝕿𝕬𝖂𝕾

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29 NOV 2024 AT 21:46

तुम कहो तो मैं तुम्हारा चाँद बन जाऊं,
हो स्वीकार तो मैं तुम्हारा कोई गहरा राज बन जाऊं,
प्रेम की परिभाषा बन तुम्हारा श्रृंगार बन जाऊं,
जो अपनी आँखों में बसाओ तुम तो मैं तुम्हारा अधिकार बन जाऊं ।
तुम कहो तो मैं तुम्हारा चाँद बन जाऊं।

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29 NOV 2024 AT 21:16

यूं मुस्कराने की कला नहीं आती,
कुछ ग़मों को दिल से लगाना पड़ता है।।

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25 NOV 2024 AT 23:23

बुढ़ापा क्या है , बचपन का फिर लौटना समझिए।

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25 NOV 2024 AT 23:20

बचपन की ख्वाहिशें बुढ़ापे में तीव्र हो जाती है।।

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