#सच्चा_दोस्त
आपकी #भलाई के लिए आपको
#छोड़ सकता है पर आपका
#बुरा कभी नहीं #सोच सकता है।
#मित्रता-दिवस
#स्वरचित #हिन्दी #पंक्तियाँ
#हेमलता_वर्मा_साधारण-
मेरे ही हौंसले
मुझे दाद दे रहे हैं
सीने में कई खंजर गढ़े हैं
फिर भी आह नहीं कर रहे हैं....
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खुदा करे जो बारिश
मेरे घर हो रही है,
वो तेरे घर भी हो I
बारिश में नहाऊं मैं,
गीला तू हो I
भुट्टा सिके मेरी रसोई में,
खुशबू तेरे घर में हो I
भुट्टा खाऊं मैं,
स्वाद तेरे मुँह में हो I-
अपने बच्चों पर विश्वास रखिए,
हौसला बढ़ाइए परंतु अपनी
उम्मीदों का टोकरा उनके सिर
पर पहले से ही मत रखिए
अन्यथा आपकी उम्मीदों का
टोकरा ही नहीं आपका संसार
“आपकी संतान” भी टूट जाएगी।
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अधिक खाकर बीमार होने से अच्छा है
अपने भोजन का कुछ हिस्सा
भूखों को खिला दिया जाए।-
दौलत की भूख ने
अपनों को अपना नहीं समझा
गरीबों को इंसान नहीं समझा
अच्छा होता यदि भूख
मदद करने की होती
तो हर इंसान खुशहाल होता-
हर मौन व्यक्ति निरुत्तर नहीं है और
हर निरुत्तर व्यक्ति मौन नहीं हैं।
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जीवन वह कठिन परीक्षा है
जिसमें दीर्घउत्तरीय प्रश्न के
लिए भी कोई विकल्प नहीं है।
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न नाम बता सका,
न काम बता सका।
न रुआब बता सका,
न अदब बता सका।
इंसान की खाल में
आखिर छिपा है कौन?
यह तो खुद इंसान
भी ना बता सका।-
इंसान की दी हुई हर ठोकर
गिराने के लिए हो सकती है
परन्तु ऐसी ही कुछ ठोकरें
“सुनहरे अवसरों” में बदल
जातीं हैं।
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