यदि पुरुष रसोई में काम कर ले, तो उसकी इज्जत जाती नहीं, बढ़ जाती है घर में भी और समाज में भी। क्योंकि वह जरूरत पड़ने पर घर और घर की महिलाओं के साथ खड़ा है।
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“अच्छा चेहरा या अच्छे विचार चयन आपका है।”
अच्छे चेहरे से आकर्षित होकर आप उसे पाने के लिए गलत रास्ते पर चल सकते हैं परन्तु अच्छे विचारों से आकर्षित होकर आप गलत रास्ते को छोड़ सकते हैं।
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तरीकों की कोई कमी नहीं है।
बेईमानी भी पूरी ईमानदारी के साथ हो रही है।
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“बुरी संगति जीवन की गति की दिशा बदल देती है।”
बुरा सिर्फ तब नहीं होता
जब कोई दुर्घटना हो जाए,
बुरा तब भी होता है जब गलत को
खुशी खुशी अपना लिया जाए।
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दुनिया सफल व्यक्ति को ही जानती,
पहचानती और मानती है।
“परेशानियों ने हमें जीतने नहीं दिया”
कहने से बेहतर है एक बार फिर
पहले से भी ज्यादा मजबूती के
साथ खड़े हो जाओ।
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अत्यंत गरीब होकर भी अतिथि सेवी थे।
जिन्हें पाकर गुरु भी धन्य हो, ऐसे शिष्य थे।
विश्व में भारत को पहचान दिलाई, ऐसी शख्सियत थे।जिनका जन्मदिवस ‛राष्ट्रीय युवा दिवस’,
वह आध्यात्मिक गुरु ‛स्वामी विवेकानंद जी’थे।-
अपने हिस्से का भी खाना खिला देती है माँ.....
इसीलिए आखिर में खाना खाती है माँ.....-
ठग किसी का भी रिश्तेदार नहीं है,
यह कभी अनजान बनकर आता है,
कभी कोई पहचान का ही है। बचेगा वही,
जिसे किसी पर भी विश्वास नहीं है।
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हर मदद करने के लिए रुपये की
आवश्यकता नहीं होती है।
कभी कभी सबका थोड़ा-थोड़ा
सहयोग भी बहुत बड़ी मदद कर देता है।-